राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव,7 मार्च। भाजपा के पूर्व विधायक कोमल जंघेल एवं उनके परिवार द्वारा आयोजित उनके निवास में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस चित्रकूट से पधारे भरतजी महाराज ने कृष्णजन्म की सुंदर कथा का रसपान कराया।
उन्होंने गजेंद्र मोक्ष की कथा कहते बताया - यदि जीव में ईश्वर के प्रति विश्वास है तो भगवान जरूर उसकी रक्षा करते हैं। भगवान के रूप का वर्णन करते उन्होंने कि कहा ईश्वर से सुंदर ब्रह्मांड में कोई दूसरा नहीं, जिनकी एक छटा देखकर कर ही जीव उनका सदा के लिए हो जाता है। समुद्र मंथन की कथा सुनाते उन्होंने कहा कि यह संसार ही समुद्र है और निरंतर दैवी और आसुरी प्रवृत्तियां इस संसार का मंथन करती है, लेकिन सबसे पहले बुराइयों का विष निकलता है, जो विष से नहीं डरता उसी को अंत में सफलता का अमृत प्राप्त होता है । वामन अवतार की कथा कहते उन्होंने कहा कि बुद्धि के बल से किसी को भी जीता जा सकता है, तीनों लोकों के राजा बलि को भगवान ने छोटा सा रूप धारण कर अपनी बुद्धि के बल से शक्तिहीन कर दिया और देवताओं की रक्षा किया।
कृष्ण जन्म की सुंदर कथा सुनाते उन्होंने कहा कि जब-जब संसार में असुर हावी होते हैं, धर्म नष्ट होने लगता है तो फिर भगवान किसी न किसी रूप में इस जगत में पैदा होकर संत और भक्तों की रक्षा करते हैं। भगवान ने मथुरा के कारागार में प्रकट होकर इसके बाद गोकुल जाकर धर्म की सुरक्षा करते भक्तों और संतों को अभय प्रदान किया एवं नंद और यशोदा के वात्सल्य को भी स्वीकार किया।
भगवान कहते हैं मैं वहीं रहता हूं, जहां जीव और सद्बुद्धि का मिलन होता है और उनके प्रेम रूपी माखन को ग्रहण करता हूं, उनका जीवन धन्य करता हूं।
श्रोताओं को संबोधित करते पूर्व विधायक कोमल जंघेल ने सबका धन्यवाद अदा किया और अंत में आरती कर और प्रसाद का वितरण हुआ। गौरतलब है कि कथा दो सभाओं में होती है। सुबह 10.30 से 01 बजे तक और दोपहर 3 से 5.30 बजे तक।