राजनांदगांव
.jpg)
सोसायटियों में उपज रखने जगह नहीं, मिलर्स करेंगे काम बंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 दिसंबर। जिले में धान खरीदी व्यवस्था चरमरा गई है। वजह यह है कि सोसायटियों में खरीदे गए धान का उठाव तय समय पर नहीं होने से प्रबंधकों ने खरीदी करने से मनाही शुरू कर दी है। नौबत यह भी है कि कुछ सोसायटियों से किसान वापस लौट रहे हैं। वहीं कई किसान सोसायटियों में रखे अपनी बहुमूल्य उपज के लिए पहरा भी दे रहे हैं। परिवहन व्यवस्था बिगडऩे से सोसायटी प्रबंधकों ने प्रशासन को खरीदी नहीं करने की चेतावनी भी दे दी है। खरीदी केंद्रों में लगातार उपज की आवक बढ़ी है। उठाव नहीं होने के कारण प्रबंधक किसानों से उपज लेने के लिए सोंच-विचार कर रहे हैं। राजनंादगांव, मोहला-मानपुर और खैरागढ़ जिले में अब तक 55 लाख क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। इसकी तुलना में अब तक 5 लाख क्विंटल धान का परिवहन किया गया है। यही कारण है कि सोसायटियों में अफरा-तफरी की भी स्थिति बन रही है। उधर, मिलर्स भी सरकार से नाराज है। सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना कर दिया है। बताया जा रहा है कि मिलर्स उठाव को लेकर अपने कदम पीछे ले सकते हैं। ऐसी स्थिति में सोसायटियों के लिए परेशानी बढ़ सकती है। जिले के 125 राईस मिलर्स ने पिछले दो साल के 350 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं करने पर काम बंद करने का मन बना लिया है।
खरीदी शुरू होने के बाद मिलर्स को बकाया राशि दिए जाने का अफसरों ने भरोसा दिलाया था। खरीदी के करीब 15 दिन बाद मिलर्स उठाव कार्य में लग गए। अब तक मिलर्स को फूटी कौड़ी नहीं मिली है।
बताया जा रहा है कि सरकार मिलर्स के भुगतान को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है। ऐसे में राईस मिलर्स एसोसिएशन ने उठाव नहीं करने का इरादा जाहिर कर दिया है। मिलर्स आज से संभवत: काम बंद कर सकते हैं। इस बीच प्रशासन ने ट्रांसपोर्टरों के जरिये उठाव कराने के लिए दबाव बनाया है। प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि उठाव के लिए 150 से ज्यादा ट्रक लगे हुए हैं। सोसायटियों में कहीं भी खराब स्थिति नहीं है। एक जानकारी के मुताबिक 85 केंद्रों में लिमिट से अधिक धान जमा हो गया है। इन केंद्रों में धान रखने के लिए जगह नहीं है। खरीदी की तुलना में उठाव कम होने से स्थिति लगातार बिगड़ रही है।