राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 दिसंबर। भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से कृषि शिक्षा एवं सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि चौपाल कार्यक्रम शुरू किया गया है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों का कृषि विशेषज्ञों के साथ सीधा संवाद स्थापित करना है।
कृषि चौपाल कार्यक्रम का प्रथम भाग का प्रसारण 7 दिसंबर को दोपहर 2 से 3 बजे तक किया गया। जिसमें विभिन्न फसलों की 109 में से 54 किस्मों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कृषि विज्ञान केंद्र राजनांदगांव में किया गया एवं किसानों के साथ संवाद किया गया और विश्व मृदा दिवसपर मृदा संरक्षण हेतु किसानों को प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में आईसीएआर अटारी जबलपुर के बोर्ड मेम्बर बिशेश्वर दास साहू ने विभिन्न फसलों के उत्पादन लाभ पर चर्चा की। विशिष्ठ अतिथि पूर्व जिला पंचायत सदस्य मधु सुकृत दास साहू ने रबी मौसम में तिलहन फसलों की खेती पर जोर दिया।
कृषि विभाग से उप संचालक नागेश्वर लाल पाण्डये ने धान उत्पादन लाभ की बधाई देते रबी मौसम में धान के अलावा अन्य तिलहन व दलहन फसल लगाने हेतु प्रेरित किया। कृषि विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. गुंजन झा ने उद्यानिकी फसलों की प्रबंधन तकनीक की जानकारी दी।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. नूतन रामटेके ने पशुओं में टीकाकरण के महत्व को समझाया एवं अंजलि घृतलहरे ने प्राकृतिक खेती के घटकों जैसे नीमास्त्र, आग्नेयास्त्र एवं जीवामृत के उपयोग की सलाह दी, ताकि नुकसानदायक रसायनिक दवाओं का उपयोग कम किया जा सके। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग के अधिकारी व बड़ी संख्या में कृषण उपस्थित थे।