राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 20 नवंबर। भाजपा व किसान नेता अशोक चौधरी ने गर्मी में धान की फसल के बदले किसानों को आलू की खेती करने की सलाह दी। आलू की खेती में धान के मुकाबले 20 प्रतिशत से भी कम पानी की जरूरत पड़ती है और यदि सही ढंग से खेती की जाए तो धान के मुकाबले मुनाफा डेढ़ गुना ज्यादा होता है।
श्री चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धान काटने के बाद पचेड़ी खेती आलू की जो 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक आसानी से कर सकते हैं, ऐसे आलू की खेती वैज्ञानिक तरीके से करें तो 200 क्विंटल तक प्रति एकड़ उपज ले सकते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में कम से कम 100 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन होने का अनुमान है। एक एकड़ खेती में 40 हजार प्रति एकड़ खर्च आएगा। 2 से 3 हल्की सिंचाई करनी पड़ेगी, बुवाई के 15 से 20 दिन बाद खरपतवार नियंत्रण के लिए दवाई का छिडक़ाव करना आवश्यक है।
खेती करने की विधि नीचे दिया जा रहा है, जो कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया है। 1 एकड़ में 100 च्ंिटल यदि उपज होती है, तो 10 किलो के हिसाब से यदि बिक्री होगी तो एक लाख की बिक्री होगी, उसी हिसाब से 60 हजार एक एकड़ में बचत होने की संभावना है।
कलेक्टर संजय अग्रवाल के धान के बदले कम पानी की खपत वाली फसल की सिफारिश को किसान नेता अशोक चौधरी ने समर्थन किया है और उसी के अनुरूप आलू की खेती की सुझाव किसानों को दिया है।