राजनांदगांव

निगम आयुक्त बड़ा या सरकार - सुरेन्द्र
25-Oct-2024 4:06 PM
निगम आयुक्त बड़ा या सरकार - सुरेन्द्र

जनता पूछ रही आखिर कौन है इनके संरक्षक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 अक्टूबर।
जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष सुरेन्द्र दास वैष्णव ने नगर निगम आयुक्त के क्रियाकलाप पर टिप्पणी करते कहा कि जिस प्रकार से शहर में विकास की अवधारणा ठप्प है और निगम आयुक्त ना तो जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं और ना ही वे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का सम्मान कर रहे हैं, ऐसे अधिकारी का राजनांदगांव में जमे रहना समझ से परे है।

पूर्व उपाध्यक्ष श्री वैष्णव ने कहा कि सत्ताधारी दल भाजपा के पार्षद गगन आइच के साथ हाथापाई की जो वारदात हुई थी और कार्रवाई के लिए राजनांदगांव के दो पूर्व सांसदों को बसंतपुर थाना में घंटों तक संघर्ष करना पड़ा था और उसके बाद भी कार्रवाई शून्य रही। वहीं अब सत्ता आने के बाद कार्यकर्ता उस निगम आयुक्त के हटाने की बाट जोह रहे हैं, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं होने से कार्यकर्ताओं में हताशा और निराशा घर कर गई है। अब ऐसे अधिकारी को हटाकर कार्यकर्ताओं को सम्मान बनाए रखने की जिम्मेदारी सत्ताधारी दल के नेताओं की है, जो सत्ता आने के बाद मौन साधे बैठे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान सांसद द्वारा शौचालय का भूमिपूजन किए स्थान से अलग जगह में आयुक्त अपनी हठधार्मिता दिखाते सरोवर-धरोहर अंतर्गत रानीसागर चौपाटी में शौचालय निर्माण के कार्य को संरक्षण देने का कार्य किया गया था, जब जनप्रतिनिधियों द्वारा इसका विरोध किया गया तो उन जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अपराध दर्ज कराने की भी कार्रवाई किया गया।

राजनांदगांव के विकास में बाधा के समान है, राजनीति में सत्ता आते-जाते रहती है, लेकिन विकास की मूल अवधारणा को लेकर चलना है, कुशल प्रशासनिक अमला का दायित्व होता है। जिसका राजनांदगांव में पूर्णता अभाव दिख रहा है। 

जिसके चलते संस्कारधानी विकास से कोसों पीछे नजर आ रही है। ऐसी स्थिति में नगर निगम आयुक्त को हटाकर एक कुशल प्रशासनिक आयुक्त का पदस्थापना किया जाना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा यह माना जाएगा कि सत्ताधारी दल के नेताओं को राजनांदगांव के विकास से कोई सरोकार नहीं है।

 


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