राजनांदगांव

सालों से संस्थान कर रही करोड़ों रुपए पीएफ राशि में गड़बड़ी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 अक्टूबर। राजनांदगांव के गुजराती शैक्षणिक संस्थान के खिलाफ संस्था के वर्तमान प्राचार्य और शिक्षकों ने करोड़ों रुपए की पीएफ राशि में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है। संस्थान पर सवाल खड़ा करने वाले प्राचार्य और शिक्षकों का दावा है कि बरसों से संस्था के मौजूदा और निवर्तमान पदाधिकारियों ने पीएफ राशि में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी की है। इस मामले को लेकर आवाज उठाने के कारण प्राचार्य और शिक्षकों के विरूद्ध संस्थान पर अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं।
मंगलवार को संस्था प्राचार्य डॉ. डीआर नावेलकर और अन्य शिक्षकों ने पत्रकारवार्ता में गुजराती शैक्षणिक संस्थान के पदाधिकारियों और मैनेजमेंट पर वित्तीय गड़बड़ी करने के आरोप लगाए। जिसमें कहा गया है कि अध्यक्ष विनय पटेल और उपाध्यक्ष पवन पटेल, पूर्व अध्यक्ष नाथालाल रायचा, पूर्व सचिव गिरीश ठक्कर और पूर्व कोषाध्यक्ष श्रीमती रूपम सोनछत्रा आपस में ही पदों का बंटवारा कर रही है। यानी इनमें ज्यादातर पदाधिकारी पूर्व में भी अलग-अलग पदों में रहे हैं। इससे संस्था की कार्यप्रणाली पर शुरू से ही सवाल उठता रहा है।
प्राचार्य और शिक्षकों ने आरोप लगाया कि जनवरी 2000 से दिसंबर 2021 तक फर्जी वेतनमान दर्शाकर तत्कालीन अध्यक्ष और सचिव नाथाभाई रायचा और गिरीश ठक्कर ने शिक्षक-कर्मचारियों के पीएफ की राशि और पेंशन एवं ग्रेज्युटी का निर्धारण नहीं किया।
इस प्रकार पीएफ की धारा 07-ए के तहत यह आपराधिक एवं दंडनीय कार्य है। इसी तरह वेतन चार्ट के आधार पर जो पीएफ की राशि आज पर्यन्त खाते में नहीं आई। जबकि अध्यक्ष रहे रायचा और कोषाध्यक्ष रूपम सोनछत्रा के हस्ताक्षर से 27 मई 2022 का बने चेक 21 लाख 78 हजार 423 रुपए का डीडी बनाया गया। शाला में अन्य वित्तीय गड़बडिय़ों को लेकर भी प्रेस को प्राचार्य और शिक्षकों ने जानकारी दी है। इस तरह गुजराती शैक्षणिक संस्थान में चल रही कर्मचारी विरोधी नीति को लेकर भी उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है।