राजनांदगांव

जैन समाज की उपस्थिति में महापौर ने किया भूमिपूजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 अक्टूबर। नगर निगम द्वारा शहर के चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। इसी कड़ी में गंज लाईन में भव्य अहिंसा प्रवेश द्वार का निर्माण किया जाना है। प्रवेश द्वार निर्माण के लिए रविवार को समाज द्वारा आयोजित आयोजन में महापौर हेमा सुदेश देशमुख ने सामाजिक बंधुओं की उपस्थिति में जैन मुनियों आगम सागर महाराज, पुनित सागर महाराज एवं धैर्य सागर महाराज के सानिध्य में मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चनाकर भूमिपूजन किया गया।
इस अवसर पर छग बीस सूत्रीय क्रियान्वयन समिति के पूर्व उपाध्यक्ष खूबचंद पारख, दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष अशोक झाझरी, सकल जैन संघ के अध्यक्ष मनोज बैद, नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु, महापौर परिषद के प्रभारी सदस्यगण मधुकर वंजारी, संतोष पिल्ले, गणेश पवार व अमीन हुद्दा, वरिष्ठ पार्षद कुलबीर छाबड़ा, पार्षद राजेश जैन रानू, समाज के सचिव रविकांत जैन, पूर्व अध्यक्ष पीसी जैन के अलावा समाज के वरिष्ठ डीसी जैन, पदम कोठारी, सूर्यकांत जैन उपस्थित थे।
आयोजन में आगाम सागर महाराज ने कहा कि 2012 में विद्या सागर महाराज के साथ दिगंबर जैन मंदिर आने का अवसर मिला, उस समय मंदिर के सामने चौड़ी सडक एवं चौक देखकर महाराज ने प्रवेश द्वार बनाने की मंशा जाहिर की थी, जो आज पूर्ण होने जा रहा है। महापौर श्रीमती देशमुख ने कहा कि समाज के लोगों द्वारा गंज चौक का नामकरण एवं प्रवेश द्वार निर्माण की मांग बहुत दिनों से किया जा रहा था। मांग पूर्ण करने प्रक्रिया भी की जा रही थी, किन्तु परिस्थितिवश नहीं हो पाया था, लेकिन अब सबकी सहमति से नामकरण हुआ और अब महापौर निधि से 10 लाख रुपए की लागत से प्रवेश द्वार का निर्माण करने भूमिपूजन किया जा रहा है।
खूबचंद पारख ने कहा कि लंबे समय से प्रवेश द्वार निर्माण की मांग की जा रही थी, जो अब पूर्ण होने जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने कहा कि हमारा सौभाग्य कि हमें अहिंसा प्रवेश द्वार निर्माण तथा मार्ग का नामकरण आर्चाय श्री विद्या सागर महाराज के नाम से करने का अवसर मिला।
पार्षद रानू जैन ने अपने पार्षद निधि से प्रवेश द्वार निर्माण के लिए 1.50 लाख रुपए देने की घोषणा की। कार्यक्रम में अतिथियों को स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन सूर्यकांत जैन ने किया। इस अवसर पर समाज के लोग एवं वार्डवासी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।