राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 अगस्त। समाजसेवी अशोक चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण में वर्गीकरण को लेकर एससी-एसटी समाज आंदोलन के रास्ते पर हैं, पूरा देश इस प्रकरण को लेकर पक्ष और विपक्ष दो धड़ों में बंट गया है। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एससी और एसटी वर्ग में एक ही समुदाय के लोग आरक्षण का अधिक से अधिक लाभ उठा रहे हैं। यह पिछले 75 वर्षों से चल रहा है। एसटी-एससी वर्ग में कुछ समुदाय आरक्षण के लाभ से पूरी तरह कटे हुए हैं।
बाबा साहब अंबेडकर ने और संविधान सभा के सदस्यों द्वारा वंचित वर्ग को लाभ देने के उद्देश्य से विशेष वर्गों को आरक्षण दिया था। अब वहीं विशेष वर्ग के संपन्न लोगों द्वारा जो पिछले 75 वर्षों में केवल अपने परिवार को ही आरक्षण दिलाने में लगे रहे। सुप्रीम कोर्ट ने आबादी के हिसाब से वंचित लोगों को आरक्षण देने का फैसला दिया है। इस काम में पिछड़ा वर्ग या समान वर्ग को कोई लाभ नहीं होने वाला है। एसटी वर्ग की वह वर्ग जो लगातार लाभ लेकर सामान्य और पिछड़ा वर्ग से भी आगे निकल गए हैं वही लोग इसका विरोध कर रहे हैं। बहुत हैरत की बात है अपने ही समाज के वंचित लोगों को आगे लाने का विरोध करने वाले लोग निर्लज्जता की सीमा को पार कर गए हैं, जो वंचित वर्ग हैं वे लोग उनके बरगलाने पर अपना ही नुकसान करते हुए उनका साथ दे रहे हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी वर्ग के वंचित लोगों के लिए बहुत ही अच्छा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध वास्तव में बाबा साहब अंबेडकर का विरोध है। यह इस बात को साबित करता है कि व्यक्तिगत लाभ के बाबा साहेब अंबेडकर के नीति का विरोध एससी-एसटी वर्ग कर सकता है ।