राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 मई। नफिस (राष्ट्रीय स्वचालित फिंगर प्रिंट पहचान प्रणाली) योजना अंतर्गत 10 मई को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पुलिस अधीक्षक कार्यालय में किया गया। कार्यशाला में पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर से पहुंचे फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट अधिकारियों ने प्रशिक्षण दिया।
कार्यशाला में बताया गया कि ऑनलाइन फिंगर प्रिंट मिलान कर त्वरित आरोपी के बारे में जानकारी मिलेगी। साथ ही गिरफ्तार संदेहियों एवं निगरानी बदमाशों के दोनों हाथों की आदर्श अंगुली चिन्हपर्णी के संबंध में जानकारी दी। इसके साथ ही घटनास्थल में फिंगर प्रिंट से संबंधित साक्ष्यों को सुरक्षित करने के संबंध में बताया गया। वहीं अज्ञात मृतक के चर्म पोर को सुरक्षित करने तथा नफिस का महत्व एवं उपयोग के संबंध में विस्तृत जानकारी दिया गया। फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट द्वारा विस्तार से तकनीकी पहलुओं के बारे में बारीकी से समझाया गया। कार्यशाला में जिलेभर के थाना व चौकी से लगभग 40 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए।
मिली जानकारी के अनुसार 10 मई को नफिस योजनांतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पुलिस कार्यालय मीटिंग हॉल राजनांदगांव में किया गया। पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर एवं पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव मोहित गर्ग के निर्देशन में एएसपी, नोडल अधिकारी आफिसर मुकेश ठाकुर, एएसपी राहुल देव शर्मा, उप पुलिस अधीक्षक तनुप्रिया ठाकुर के मार्गदर्शन में गिरफ्तार संदेहियों एवं निगरानी बदमाशों के दोनों हाथों की आदर्श अंगुलि चिन्हपर्णी के संबंध में एवं घटनास्थल में फिंगर प्रिंट से संबंधित साक्ष्यों को सुरक्षित करने के तरीके एवं अज्ञात मृतक के चर्म पोर को सुरक्षित करने तथा नफिस (राष्ट्रीय स्वचालित फिंगर प्रिंट पहचान प्रणाली) का महत्व एवं उपयोग के संबंध में जिले के समस्त थाना व चौकी के अधिकारी व कर्मचारी को 10 मई को पुलिस कार्यालय मीटिंग हॉल राजनांदगांव में एक दिवसीय कार्यालय का आयोजन कर प्रशिक्षण दिया गया।
पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर से आए निरीक्षक अजय कुमार साहू, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट द्वारा प्रशिक्षण में इसके संबंध मे विस्तार से व तकनिकी पहलुओं के बारे में बताया गया। कार्याशाल में नफिस कार्यालय राजनांदगांव से सहायक उप निरीक्षक रमेश कुमार रजक, आर. सोहन सिन्हा व आर. कवलजीत सिंह सहित जिले के समस्त थाना व चौकी से आए लगभग 40 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। इस योजना से प्रशिक्षण उपरांत अब जिले मे ही गिरफ्तार आरोपियों, संदेहियों व निगरानी/ गुण्डा बदमाशों के फिंगर प्रिंट सर्च स्लिप्स तैयार कर ऑनलाईन डाटा अपलोड कर सर्च कार्य किया जाएगा। इससे समय की बचत होगी, पहले यह डाटा राज्य स्तर पर उपलब्ध रहती थी, अब यह जिला स्तर पर उपलब्ध होगी। इससे विवेचना के दौरान संदेहियों एवं निगरानी बदमाशों की आसानी से पहचान की जा सकती है।