राजनांदगांव

अक्ती पर्व पर मंदिरों में पूजा-अर्चना, सराफा बाजार दमका
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 मई। अक्षय तृतीया के अवसर पर गुड्डा-गुडिय़ा के विवाह के रिवाज पर घरों में खुशनुमा वैवाहिक माहौल रहा। बच्चों ने परंपरागत गुड्डा-गुडिय़ा का विवाह कराया, वहीं घर-घर में परिजन भी इस पुरानी रस्म में शरीक हुए। अक्षय तृतीया पर दर्जनों मांगलिक आयोजन भी हुए। ढेरों शादियां होने से पर्व की खास महत्ता बरकरार रही।
इधर, अक्षय तृतीया के मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना हुई। भगवान परशुराम जन्मोत्सव अक्ती पर्व के दिन मनाया जाता है। शहर के अलग-अलग इलाकों में गुड्डे-गुडिय़ों का विवाह कराने से जुड़े कई आयोजन हुए।
बच्चों में पर्व को लेकर खासा उत्साह रहा। विधि-विधान से हुए गुड्डे-गुडिय़ों के विवाह में खुशियां घर-घर रही। भजन-कीर्तन भी हुए। देर शाम को गुड्डे-गुडिय़ों के विवाह से सभी तरह के रस्म अदा किए गए। बच्चों की एक टोली बारात लेकर पहुंची, वहीं दूसरी टोली ने घराती बनकर बारातियों का स्वागत किया। कन्या पक्ष की ओर से सभी तरह की रिवाजों को निभाया गया। उधर अक्षय तृतीया पर्व पर सराफा बाजार को पंख लग गया। शहर के बड़े सराफा दुकानों में सोने-चांदी के जेवरात की खरीदी से भीड़ उमड़ी रही। अच्छी ग्राहकी से जौहरियों को काफी फायदा हुआ। शहर के बड़े ज्वेलर्स में सुबह से देर रात तक कारोबार हुआ, वहीं गुड्डा-गुडिय़ों की खरीदी-बिक्री से बाजार में भी हलचल रही।
पर्व पर दिवंगतों को जल अर्पित
अक्ती के खास मौके पर लोगों ने दिवंगत परिजनों को याद करते हुए जल अर्पित किए। ऐसा माना जाता है कि अक्ती पर्व से पूर्व मृत परिवार के सदस्यों को इस दिन विशेष पूजा कर श्रद्धांजलि दी जाती है, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले। इस पर्व के अवसर पर भोज और दान-पुण्य किया जाता है। अक्ती पर्व की हिन्दू धर्म में काफी मान्यता है। जिस घर में परिजन की मौत हो जाती है, इस पर्व में उन्हें नमन कर फिर से वैवाहिक आयोजनों की शुरूआत की जाती है।