राजनांदगांव

राजनांदगांव, 6 मार्च। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी राजनांदगांव क्षेत्र द्वारा सभी विभागीय संभाग राजनांदगांव, खैरागढ़, डोंगरगढ़, डोंगरगांव, मोहला, पंडरिया एवं कवर्धा के सभी कृषि पंप उपभोक्ताओं से अपने कनेक्शनों में पर्याप्त क्षमतानुसार अनिवार्य रूप से कैपेसिटर लगाकर विद्युत विभाग को सहयोग प्रदान करने की अपील की गई है।
गर्मी के मौसम में धान, मक्का और चने की फसल में सिंचाई के लिए एक साथ कृषि पंप चलने से लोड बढ़ गया है। यह समस्या उन क्षेत्रों में गंभीर है, जहां पंप कनेक्शनों का घनत्व ज्यादा है। रबी फसल के लिए चिन्हाकित क्षेत्रों में कृषि पंपों का घनत्व बहुत ज्यादा हो गया है। प्रत्येक पंप की मोटर इंडक्टिव (क्वाइल से बना) लोड है, जब एक साथ बहुतायत में पंप चलते हैं तो पूरे सिस्टम का लोड असंतुलित होकर बहुत ज्यादा इंडक्टिव हो जाता है और विद्युत प्रणाली का पॉवर कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में ट्रांसफार्मर प्रणाली पर एक तरह की छद्म लोडिंग बढ़ जाती है और वोल्टेज कम हो जाता है। सभी विद्युत पंपों में पर्याप्त क्षमता का कैपेसिटर लगाया जाना आवश्यक है। कैपेसिटर नहीं लगाए जाने से वोल्टेज ड्राप होता है तथा मोटर अधिक करंट लेती है। जिससे मोटर की पानी निकालने की क्षमता कम हो जाती है एवं जलने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसके अलावा कुछ पंपों से एक डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर पर लोड़ बढ़ता है। कई वितरण ट्रांसफार्मर से 11 केव्ही लाइनों पर, फिर 33/11 केव्ही उपकेन्द्रों पर तथा 33 केव्ही लाइनों, इस प्रकार पूरे ट्रांसमिशन सिस्टम पर लोड़ बढ़ता है। जिससे अत्याधिक लो-वोल्टेज की समस्या आ जाती है।
इसके लिए जरूरी है कि राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप प्रत्येक किसान अपने पंप पर कैपेसिटर लगाये। इस समस्या के समाधान के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही है। जैसे पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि, अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मरों की स्थापना, सबस्टेशनों में कैपेसिटर बैंक की स्थापना।
साथ ही किसानों से अपने कृषि पंप कनेक्शन में उचित क्षमता के कैपेसिटर लगाने अनुरोध किया गया है।
पॉवर कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि रबी फसल में प्रमुख रूप से धान लगाए जाने के कारण कृषि पंपों के माध्यम से खेतों में सिंचाई हेतु अधिक मात्रा में पानी के उपयोग होने से आकस्मिक रूप से विद्युत लाईनों एवं ट्रांसफार्मर पर अधिक भार आ गया है, जलस्तर नीचे जाने से पंप ज्यादा लोड खींच रहे हैं। फलस्वरूप कुछ क्षेत्रों में लो-वोल्टेज की समस्या उत्पन्न हो गई है।