राजनांदगांव

मशरूम, मुर्गीपालन, वर्मी खाद व बीज उत्पादन की दी जानकारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 फरवरी। कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव प्रक्षेत्र में जिले की कृषि सखियों द्वारा भ्रमण किया गया। जिसमें प्रक्षेत्र की विभिन्न इकाईयां मशरूम, मुर्गीपालन, वर्मी खाद व बीज उत्पादन की विस्तृत जानकारी दी गई। कृषि सखियों को खेती में प्राकृतिक खेती में उपयोग होने वाले अवयव पोषक तत्व के लिए बीजामृत, घनजीवामृत, जीवामृत बनाने की विधि व उपयोग करने की विस्तृत जानकारी दी गई। जिसमें बीजामृत बनाने की विधि व बीजों के उपचार की प्रक्रिया को बताया गया।
मृदा में पोषक तत्व की मात्रा को बढ़ाने बुआई से पूर्व घनजीवामृत बनाकर मृदा में उचित मात्रा में डालने की विधि को बताया गया। द्रव जीवामृत बनाकर फसल की अवधि के अनुसार 21, 45, 65 व 90 दिनों की अवस्था में उपयोग करने की विधि को बताया गया। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती में कीटों के नियंत्रण हेतु नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, अग्नास्त्र बनाने की विधि व विभिन्न कीटों की रोकथाम हेतु उपयोग करने की विधि बताया गया। फसलों को रोगों से बचाने के लिए जीवामृत के साथ 5 लीटर मठ्ठा उपयोग करने की जानकारी दी गई।
रबी फसलों में खरपतवार नियंत्रण हेतु पैरा व पत्तों का पलवार के रूप में उपयोग करने की जानकारी दी गई। साथ ही कृषि सखियों को मृदा परीक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी भी प्रदान की गई।