राजनांदगांव

नांदगांव संसदीय क्षेत्र में भाजपा के खराब प्रदर्शन पर विरोधी गुट पांडे को ठहरा रहे जिम्मेदार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 फरवरी। राजनांदगांव सांसद संतोष पांडे संगठन से दोबारा लोकसभा की टिकट के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व के समक्ष दावेदारी कर रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में पांडे मोदी लहर के चलते अच्छे मतों से जीतने में कामयाब हुए थे।
बताया जा रहा है कि बस्तर में विधानसभा चुनाव में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन के आधार पर पांडे लोकसभा में दूसरी बार प्रत्याशी बनने के लिए जोर लगा रहे हैं। राजनंादगांव लोकसभा में पिछले 5 वर्षों में राजनीतिक परिस्थितियां काफी बदली है। बस्तर के संगठन प्रभारी होने के कारण वहां मिली जीत को एक तरह से पांडे अपने कुशल नेतृत्व का परिणाम बता रहे हैं, जबकि राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में भाजपा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। आठ में से महज 3 सीटों में भाजपा जीतने में कामयाब रही।
हालांकि पांडे के गृह जिला कवर्धा में दोनों सीट भाजपा ने अच्छे मतों से जीत हासिल किया, लेकिन संसदीय क्षेत्र के नतीजे भाजपा के उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे। भाजपा में गुटबाजी भी हावी है। टिकट के लिए पांडे की बढ़ती सक्रियता के बाद विरोधी खेमा भी हावी हो गया है। प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की पांडे के संसदीय क्षेत्र में पार्टी की बुरी गत को लेकर जानकारियां भी दी गई है।
बस्तर के परिणाम के आधार पर टिकट मांगने की कोशिश को लेकर पांडे विरोधी गुट के निशाने पर है। गुटीय लड़ाई के चलते पांडे का दावा कमजोर हो गया है। विरोधी नेताओं का कहना है कि संसदीय क्षेत्र के परिणाम को अनदेखा करना पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। भले ही राज्य में भाजपा सत्तारूढ़ हो गई, लेकिन राजनीतिक तौर पर राजनांदगांव जिले में भाजपा को मतदाताओं ने आईना दिखाया है। विधानसभा चुनाव के खराब नतीजे को एक तरह से लोकसभा के लिहाज से परेशानी भरा माना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि सांसद पांडे की राष्ट्रीय नेताओं से गहरी छनती है। ऐसे में वह टिकट को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। नांदगांव के अलावा कवर्धा के भी सांसद पांडे विरोधी खेमा सक्रिय हो गया है। बहरहाल यह दिलचस्प हो चला है कि पांडे की राह टिकट के मामले में आसान नहीं है।