राजनांदगांव

पंजीकृत 8 हजार किसानों ने नहीं बेचा धान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 फरवरी। एक नवंबर 2023 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरूआत होने और 31 जनवरी के बाद 4 दिन का अतिरिक्त मोहलत मिलने पर भी 4 फरवरी रविवार को दो दर्जन किसान ही अपना उपज बेचने सोसाइटी पहुंचे। वहीं लगभग 8 हजार पंजीकृत किसान धान बेचने सोसाइटी ही नहीं पहुंचे। ऐसे में तीनों जिलों के 2 लाख 28 हजार 704 किसानों ने लगभग एक करोड़ 30 लाख क्विंटल धान बेचा है।
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के अंतिम दिन रविवार को तीनों जिलों में महज 24 किसानों ही धान बेचा। राजनांदगांव जिले में इस बार 64 लाख क्विंटल ज्यादा धान किसानों ने बेचा है। राजनांदगांव में ही 70 लाख क्विंटल की खरीदी हुई है। वहीं तीनों जिलों को मिलाकर एक करोड़ 30 लाख क्विंटल धान किसानों ने बेचा है, जो बीते साल से 31 लाख क्विंटल अधिक है। रविवार को अंतिम दिन राजनांदगांव जिले में 8, केसीजी जिले में 10 और एमएमसी जिले में 6 किसानों ने धान बेचा है। समर्थन मूल्य पर एक नंबर से बायोमैट्रिक सिस्टम से प्रति एकड़ 20 क्विंटल के हिसाब से धान खरीदी शुरू की गई थी। सरकार बदलने के बाद 20 क्विंटल को बढ़ाकर 21 क्विंटल प्रति एकड़ किया गया। 31 जनवरी तक बड़ी संख्या में किसानों ने धान नहीं बेचा था। जिसके चलते 4 दिन अतिरिक्त समय दिया गया। अब समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रक्रिया पूरी तरह बंद कर दी गई।
मिली जानकारी के अनुसार राजनांदगांव जिले में किसानों को 15 अरब 34 करोड़ 33 लाख रुपए का भुगतान किया गया। लिकिंग से 4 अरब 41 करोड़ 98 लाख की वसूली की गई। वहीं केसीजी जिले में 8 अरब 45 करोड़ 39 लाख का भुगतान किया गया। लिकिंग से 3 अरब की वसूली की। एमएमसी जिले में 4 अरब 77 करोड़ 15 लाख का भुगतान किया गया। लिकिंग से एक अरब 22 करोड़ 83 लाख की वसूली की गई। अंतिम तिथि तक तीनों जिलों में करीब 10 हजार किसानों ने धान नहीं बेचा है। विगत वर्ष भी निर्धारित लक्ष्य 94 लाख क्विंटल के मुकाबले 99 लाख क्विंटल खरीदी हुई थी।