राजनांदगांव

डीन के निर्देश पर अधीक्षक की अगुवाई में 3 सदस्यीय टीम का गठन
'छत्तीसगढ़' संवाददाता।
राजनांदगांव, 2 फरवरी। मेडिकल कॉलेज में दो दिन पहले स्त्री मेेडिकल वार्ड में उपद्रव मचाने वाले इंटर्नशिप डाक्टर और नर्सिंग छात्रा के विरूद्ध कॉलेज प्रशासन कड़ी कार्रवाई करने के मूड में है।
कॉलेज की डीन डॉ. रेणुका गहिने ने दोनों के खिलाफ शिकायत के आधार पर जांच के लिए एक टीम का गठन कर दिया है। अधीक्षक डॉ. प्रदीप बेक समेत तीन सदस्यी टीम मामले की गंभीरतापूर्वक जांच करेगी। जांच में दोषी पाए जाने पर इंटर्नशिप चिकित्सक और नर्सिंग छात्रा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के अलावा प्रशिक्षण पर भी रोक लगाने कमेटी अनुशंसा कर सकती है।
बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप चिकित्सकों की वजह से पहले भी अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ झड़प और विवाद होने से प्रबंधन शिकायतों को नजरअंदाज करता रहा है, लेकिन इस बार डीन डॉ. गहिने मामले को लेकर सख्त है। मेडिकल कॉलेज के अधीन प्रशिक्षण ले रहे चिकित्सक और नर्सिंग विद्यार्थी वार्डों में पहुंचकर स्टाफ नर्सों के अलावा अन्य कर्मियों से बुरा व्यवहार करते रहे है। कुछ दिन पहले भी एक स्टॉफ नर्स से दुव्र्यवहार के संबंध में स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की ओर से ज्ञापन सौंपा गया था।
खबर है कि जांच कमेटी से डीन से जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज के स्त्री मेडिकल वार्ड में एक इन्टर्नशिप डॉक्टर बीएससी नर्सिंग की छात्रा को लेकर लूज मोशन के उपचार के लिए दाखिला कराने पहुंचा। इस दौरान बीएससी नर्सिंग की छात्रा अनाधिकृत रूप से ड्यूटी डॉक्टर के कक्ष में चली गई। स्टॉफ नर्स द्वारा इस मामले को लेकर आपत्ति की गई। स्टॉफ नर्स ने इन्टर्नशिप डॉक्टर और छात्रा को लिखित आदेश के बाद कमरा देने की बात कही। आपत्ति करने के बाद छात्रा और इन्टर्नशिप डॉक्टर ने स्टॉफ के साथ बुरा बर्ताव किया।
बताया जा रहा है कि 20 दिन पहले भी दोनों ने इसी वार्ड में हंगामा किया था। गुजरी रात को भी विवाद करते हुए दोनों ने स्टॉफ नर्स को न सिर्फ बदसलूकी की, बल्कि देख लेने की धमकी दी। मिली जानकारी के मुताबिक स्टॉफ नर्स रात एक बजे तक दोनों के रवैये से हलाकान रही। किसी तरह इन्टर्नशिप डॉक्टर लौट गया, फिर कुछ मिनट बाद दो मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत छात्र फिर से स्टॉफ नर्स से बहस करने पहुंच गए। स्टॉफ नर्स ने इस मामले को लेकर अधीक्षक से शिकायत की है।