राजनांदगांव

बाजे-गाजे के साथ निकली शिवजी की बारात
29-Dec-2023 3:32 PM
बाजे-गाजे के साथ निकली शिवजी की बारात

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 दिसंबर।
श्री चन्द्र मौलेश्वर महाकाल के नाम पर लखोली विकास नगर स्थित डागा भवन के शिवधाम में जूनागढ़ गुजरात से पधारे सुप्रसिद्ध कथा वाचक शास्त्री पं. ईश्वरचन्द्र व्यास के श्रीमुख से रोजाना दोनों टाइम भगवान शिव की कथाचरित व महिमा ज्ञान की अविटल गंगा बह रही है। जिसमें राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं, जनप्रतिनिधियों व समाजसेवियों सहित धर्मप्रेमी श्रद्धालुजनों की बड़ी संख्या में उपस्थिति हो रही है। गुरुवार को श्री शिवमहापुराण कथा के बीच भक्तों द्वारा बाजे-गाजे के साथ धूमधाम से शिवजी की भव्य बारात निकाली गई।

कथावाचक शास्त्री ईश्वर चन्द्र ने कथा में मां पार्वती की भगवान शिव को अपने पति रूप में पाने की घोर तपस्या के बारे सविस्तार बताया और कहा कि मां पार्वती ने हजार साल तक कंदमूल, फल पत्तियां खाकर तपस्या की । बेल की पत्तियों का आहार किया।  मां पार्वती जब लम्बे समय तक तपस्या में बैठ जाती थी तो वनप्रांतर के सभी पशु-पक्षी उसे घेर कर बैठ जाते थे। जिसमें एक ही जगह सिंह होता था तो गाय, हिरण व अन्य जानवर होते थे। चूहे के साथ बिल्ली होती थी। सर्प भी होते थे तो गिद्ध-चील-बाज भी होते थे, लेकिन कोई किसी का भक्षण के लिए सोचता भी नहीं था। भक्ति में जिज्ञासा होनी चाहिए। जिज्ञासा कोई कर्म नहीं, विचार है। जो सुना है वही आपके मन में है वही विचार के रूप में आएंगे, इसीलिए श्रवण की महत्ता है। अच्छी चीजे सुननी चाहिए। सत्संग करनी चाहिए। महराज ने भगवान शिव के मां पार्वती के साथ विवाह की बात सविस्तार बताई। इस दौरान कथा स्थल पर बाजे-गाजे के साथ शिव बारात का माहौल बना रहा है। उक्ताशय की जानकारी राजेश डागा ने दी।


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