राजनांदगांव

शहर को भी ठंड ने जकड़ा, गर्म कपड़ों व अलाव का सहारा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 दिसंबर। जिले में उत्तर से आ रही सर्दीली हवाओं से पारा इस सीजन में न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। जिले का पठारी इलाका जहां कड़ाके की सर्दी से ठिठुर रहा है, वहीं कस्बाई और शहरी क्षेत्रों में भी ठंड से लोग कांपने लगे हैं। दिसंबर के आखिरी दिनों में पड़ रही सर्दी से तापमान लगभग 9 डिग्री के नीचे आ गया है। मौसम विभाग ने उत्तर से आ रही शुष्क हवाओं के कारण अगले कुछ दिनों तक कड़ाके की सर्दी पडऩे का अनुमान जाहिर किया है।
जिले के वनांचल हिस्से सर्दीली हवाओं से ठिठुर रहे हैं। मोहला-मानपुर से लेकर बकरकट्टा और साल्हेवारा क्षेत्रों में सर्द मौसम के कारण शाम को लोग घरों में दुबकने के लिए मजबूर हैं। पहाड़ी इलाकों में ठंड से लोग अब बेहाल होने लगे हैं। ठंड से बचने के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं।
दिन-रात का पारा निचले स्तर पर चला गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि दिसंबर का पूरा महीना कड़ाके की सर्दी के आगोश में रहेगा। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं। दुरूस्थ इलाकों में शाम ढलने से पहले ही सडक़ें सूनी हो रही है। सर्द हवाओं से शीत लहर की स्थिति बन गई है।
अचानक ठंड बढऩे के कारण लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हुई है। अक्टूबर और नवंबर का महीना काफी गर्म रहा। दिसंबर का पहला पखवाड़ा तूफानी चक्रवात के कारण ठंड से घिरा रहा। मौसम साफ होते ही ठंड ने अपने कड़े तेवर दिखाए हैं।
बताया जा रहा है कि तापमान अगले एक-दो दिन में और भी निचले स्तर पर जा सकता है। जिले में सर्वाधिक ठंड का असर जंगली क्षेत्रों में दिख रहा है। ठंड के कारण लोगों की सेहत में भी अब उतार-चढ़ाव आ रहे हैं। सर्दी-खांसी से पीडि़त मरीजों की तादाद बढ़ गई है।
गर्म कपड़े के बाजार में काफी चहल-पहल बढ़ी है। स्थानीय तिब्बती ऊनी कारोबारियों के दुकानों में खरीददारी करते लोग नजर आ रहे हैं। आने वाले दिनों में ठंड का व्यापक असर रहेगा।
स्कूलों के समय में बदलाव की मांग
ठंड के असर को देखते हुए स्कूली बच्चों के समय में बदलाव करने की मांग उठ रही है। परिजन नर्सरी कक्षा से 5वीं तक अध्ययनरत विद्यार्थियों के स्कूल समयावधि में बदलाव की मांग कर रहे हैं। निजी स्कूलों में बकायदा परिजनों की ओर से ठंड से बचाव के लिए समय बदलने का आग्रह किया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से सुबह पड़ रही कड़ाके की सर्दी से बच्चों की तबियत में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। परिजन स्कूलों के प्राचार्य और प्रशासन से समय परिवर्तन की मांग की जा रही है।