राजनांदगांव

इतिहास दर्शन पर व्याख्यान
20-Dec-2023 3:22 PM
इतिहास दर्शन पर व्याख्यान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 20 दिसंबर।
शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के इतिहास विभाग में इतिहास दर्शन विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्रारंभ में इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.शैलेन्द्र सिंह ने व्याख्यान की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और कहा कि इतिहास दर्शन का उद्देश्य स्वयं का चिंतन विश्व इतिहास तथा इतिहास के सामान्य नियमों से है। इसे इतिहास दर्शन की संज्ञा दी जा सकती है।

मुख्य वक्ता डॉ.आशा चौधरी शासकीय नेहरू महाविद्यालय डोंगरगढ़ ने इतिहास दर्शन पर प्रकाश डालते कहा कि इतिहास घटनाओं में से एक घटना मात्र को देखता है। जबकि दर्शन इतिहास के प्रामाण्य अर्थ और वास्तविकता को निश्चित करने का दावा करता है।

इतिहास के प्रामाण्य का प्रश्न नही उठता। जो सफल होता है उसी का इतिहास होता है। इतिहास में माक्र्स का महत्व लेनिन और स्टालिन के कारण है अन्यथा माक्र्स का पता केवल सामाजिक विज्ञान तक ही सीमित रहता। परिणाम स्वरूप इतिहास दर्शन का अभिप्राय अतित कालीन घटना के निहित मानसिक प्रक्रिया अथवा विचार को वर्तमान और भविष्य में प्रतिरोधित करना मात्र होता है। कार्यक्रम का संचालन प्रो.हिरेन्द्र बहादुर ठाकुर तथा आभार डॉ. हेमलता साहू द्वारा किया गया।


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