राजनांदगांव

हेमा, कुलबीर, जितेन्द्र, भागवत तथा निखिल नहीं दिला पाए कांग्रेस को बढ़त
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 दिसंबर। राजनांदगांव विधानसभा में कांग्रेस को मिली करारी हार ने टिकट के दावेदारों की साख पर प्रतिकूल असर डाला है। शहर में भाजपा प्रत्याशी डॉ. रमन सिंह की लीड बीते चुनाव की तुलना में जबर्दस्त तरीके से बढऩे से दावेदारों की राजनीतिक स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। रिकार्डतोड़ जीत के साथ रमन सिंह ने कांग्रेस नेताओं की राजनीतिक ताकत को एक तरह से जनता के जरिये सिरे से खारिज कर दिया।
पूरे शहर में रमन सिंह मतों के लिहाज से काफी आगे रहे। कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन हर वार्ड में मात खा गए। कांग्रेस ने टिकट के दावेदारों को वार्ड स्तर में जिम्मेदारी दी थी। महापौर हेमा देशमुख, शहर अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा, जिलाध्यक्ष भागवत साहू, युवा आयोग अध्यक्ष जितेन्द्र मुदलियार और पर्यटन मंडल सदस्य निखिल द्विवेदी कांग्रेस को बढ़त नहीं दिला पाए।
राजनांदगांव विधानसभा में जिस तरह से कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, उससे टिकट के दावेदारों की स्थिति कमजोर साबित हुई है। शहर के ज्यादातर बूथों में कांग्रेस भाजपा से काफी पीछे रही। कांग्रेस के अन्य सांगठनिक नेताओं के वार्डों में कांग्रेस का प्रदर्शन फीका रहा। कुल मिलाकर डॉ. रमन सिंह ने 45 हजार का आंकड़ा पार कर कांग्रेस को चारों खाने चित्त कर दिया।
सामूहिक प्रयास से मिली सफलता -
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने और राजनांदगांव में मिली ऐतिहासिक जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश पटेल ने कहा कि सामूहिक प्रयास से जीत मिली है। यह कार्यकर्ताओं के मेहनत का नतीजा है। तीन सीटों पर मिली हार की समीक्षा की जा रही है। चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने हर स्तर पर कठिन परिश्रम किया।