राजनांदगांव

पहली बार तीन महिला बतौर विधायक सदन में रहेंगी मुखर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 दिसंबर। विधानसभा चुनाव में महिलाओं को भी राजनीतिक दलों ने टिकट देकर उनकी राजनीतिक क्षमता को परखा। राजनांदगांव लोकसभा में आठ में से तीन सीटों पर बाजी मारकर महिलाओं ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। इस नतीजे में महिलाओं को राजनीति के क्षेत्र में 33 फीसदी का लाभ मिला है।
यह पहला मौका भी है, जब तीन महिलाएं समूचे लोकसभा में चुनकर सदन में पहुंची है। कांग्रेस से दो हर्षिता बघेल और यशोदा वर्मा अपने दल से चुनी गई है, वहीं पंडरिया सीट से भाजपा की भावना बोहरा ने बाजी मारी है।
2018 के विस चुनाव में खुज्जी से छन्नी साहू और पंडरिया से ममता चंद्राकर (दोनों कांग्रेस) निर्वाचित हुई थीं। हालांकि 2021 के उपचुनाव में खैरागढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा के निर्वाचन से यह आंकड़ा तीन तक पहुंच गया था।
राजनांदगांव लोकसभा में महिलाओं को राजनीति में नेतृत्व क्षमता दिलाने के लिए पार्टियां अब दिलचस्पी ले रहे हैं, जिसके अब अपेक्षित नतीजे भी सामने आ रहे हैं। हालांकि 90 के दशक में ही महिलाएं इस लोकसभा से चुनकर विधानसभा पहुंच रही थीं।
खैरागढ़ राजपरिवार की दो बहुएं स्व. रानी रश्मिदेवी सिंह और स्व. गीतादेवी सिंह विधायक के तौर पर सदन में पहुंची थीं। दोनों के विधायक बनने के बाद से सियासत में महिलाओं को मौका देने की मांग तेज होने लगी थी।
राज्य बनने के बाद महिलाओं ने राजनीति में रूचि लेना शुरू किया। धीरे-धीरे सदन में महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की सूची में महिलाओं को भी शामिल किया।
तीनों निर्वाचित महिला विधायकों ने टिकट मिलने पर पार्टी को मायूस नहीं होने दिया। कांग्रेस ने दो महिलाओं को मौका दिया, जिसमें दोनों चुनकर सदन पहुंचीं। भाजपा ने भी भावना बोहरा को टिकट देकर कोई गलती नहीं की। इसी के साथ 33 फीसदी कोटा पूरा हो गया। आने वाले वक्त में महिलाओं की संख्या लोकसभा में टिकट को लेकर और बढ़ेगी।