राजनांदगांव

बास्केटबॉल चैम्पियनशिप में डीपीएस चैम्पियन और युगांतर पब्लिक स्कूल उपविजेता
21-Nov-2023 2:25 PM
बास्केटबॉल चैम्पियनशिप में डीपीएस चैम्पियन और युगांतर पब्लिक स्कूल उपविजेता

जीवन में खेल बड़ी उपलब्धियों को प्राप्त करने का है रास्ता : सुशील

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 नवंबर।
दिल्ली पब्लिक स्कूल एवं साई ट्रेनिंग सेंटर राजनांदगांव में चल रहे सीबीएसई नेशनल बास्केटबॉल चैंपियनशिप 2023 का सोमवार को भव्य समापन हुआ। जिसमें डीपीएस राजनांदगांव ने युगांतर पब्लिक स्कूल राजनांदगांव को 75-65 अंक से पराजित कर चैम्पियन बना। वहीं युगान्तर पब्लिक स्कूल राजनांदगांव उपविजेता बनकर शाला एवं प्रदेश का नाम रोशन किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि युगांतर पब्लिक स्कूल के निदेशक सुशील कोठारी, विशिष्ट अतिथि संतोष कुमार सिंह सीबीएसई आब्जर्वर एवं अंतर्राष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रशिक्षक कालवा राजेश्वर राव सहित अन्य गणमान्य अतिथि शामिल रहे।  अतिथियों का स्वागत शाला के निदेशकगण एवं प्राचार्य निर्मला सिंह ने किया। 

कार्यक्रम में खेल के विभिन्न पहलुओं पर विशेष स्थान प्राप्त करने वाले मोस्ट वैल्युबल प्लेयर साहिल युगांतर पब्लिक स्कूल राजनांदगांव, बेस्ट प्लेयर अदम्य गर्ग दिल्ली पब्लिक स्कूल राजनांदगांव, बेस्ट रिबाउंडर शिबु कुमार दिल्ली पब्लिक स्कूल राजनांदगांव, बेस्ट डिफेन्डर प्रिंस सेन्ट्रल एकेडमी पुलिस लाईन कोटा, बेस्ट स्कोरर गौतम पाल एनीबिसेंट स्कूल इंदौर, बेस्ट फेयर प्ले संस्कार स्कूल जयपुर, बेस्ट मॉर्च पास्ट इंडियन स्कूल मस्कट को दिया गया।

मुख्य अतिथि सुशील कोठारी ने कहा कि बच्चों के जीवन में खेल बड़ी उपलब्धियों को प्राप्त करने का रास्ता है। खेलना और खेल का दमखम रखने का प्रयास करना चाहिए। इससे आज के समय में एक सार्थक कैरियर भी बना सकते है। बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम सराहनीय रहा। इनकी प्रस्तुति में भारतीय संस्कृति की आनोखी झलक दिख रही है, जो विभिन्नता में एकता को दर्शाती है। उन्होंने डीपीएस परिवार की इस आयोजन को सफल बनाने दिए गए योगदान की प्रशंसा की। संतोष कुमार सिंह सीबीएसई आब्जर्वर ने कहा कि खेल में हार-जीत से ज्यादा आगे बढऩे की सीख मिलती है। जीतने पर और अच्छा करने की और हारने पर गलतियों को सुधारने की भी सीख मिलती है।

शाला के निदेशक अभिषेक वैषणव ने कहा कि खेल की तैयारी ही हमारे मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ बनाती है, क्योंकि खेलना सिर्फ  दौडऩा ही नहीं, बेहतर प्लानिंग भी इसका महत्तवपूर्ण अंग है। अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रशिक्षक कालवा राजेश्वर राव ने कहा कि खेल की चुनौतियों का सामना करना हमें जीवन की अन्य चुनौतियों से निपटने के साथ ही इस प्रतियोगी संसार में जीवित रहना भी सीखाता है। यह हमारे व्यक्तित्व, आत्मविश्वास के स्तर में विकास और शारीरिक व मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

प्राचार्य निर्मला सिंह ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते कहा कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली में खेल को अधिक दिलचस्प बनाने इसे शिक्षा का अभिन्न अंग बना दिया गया है। खेल हमें हारकर भी जीतना सिखाता है। यह हमेशा बेहतर करने की प्रेरणा देता है।
 


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