राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 20 नवंबर। परिवार में सुख-शांति सहित पुत्र-पुत्री की सुदीर्घ यशश्वी जीवन के लिए सूर्य और छठी माता की आराधना के लिए छठ पर्व मनाया जाता है। राजनांदगांव के मोती तालाब में बड़ी संख्या में श्रद्धालु माताएं-बहने सपरिवार छठी मैया की विधिवत पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे थे। उन्हें पर्व की बधाई देने एवं उनके आस्था श्रद्धा में शामिल होने गिरीश देवांगन मोती तालाब पहुंचकर श्रद्धापूर्वक धूप-दीप अर्पण कर शुभकामनाएं दी।
श्री देवांगन ने कहा कि छठी मैया व सूर्य देव की आराधना का यह पर्व पुरातन काल से चला आ रहा है। इस पर्व में आराधना से हमें जहां संपूर्ण सुख और शांति मिलती है। वहीं परिवारजनों के उत्तम स्वास्थ-दीर्घायु जीवन की कामनाएं माताएं-बहनें सूर्यउदय एवं सूर्य अस्त होने पर भगवान सूर्य को अर्ध देकर करती हैं। इस कारण ही समाज प्रगति और उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होता है। तत्पश्चात श्री देवांगन गोपाष्टमी अवसर पर गौमाता को गुड एवं मिष्ठान खिलाकर गौशाला में पहुंचकर गोपाष्टमी के पावन अवसर पर गौमाता की पूजा-अर्चना की और कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य भारत देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां गाय की पूजा-अर्चना के साथ गोबर, गोमूत्र खरीदी कर गोपालकों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की योजना कांग्रेस सरकार ने प्रारंभ की है। गोठान के माध्यम से गौमाता का संरक्षण की संकल्पना भी छत्तीसगढ़ में धरातल पर लागू हुई है। ऐसी योजनाएं निरंतर चलती रहे। जिससे आस्था और श्रद्धा के साथ-साथ आर्थिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त होता है। इस अवसर पर महापौर हेमा देशमुख, पार्षद विनय झा, जयनारायण सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।