राजनांदगांव

आज शाम डूबते सूर्य को अघ्र्य
19-Nov-2023 3:59 PM
आज शाम डूबते सूर्य को अघ्र्य

सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य के साथ छठ पर्व का समापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 19 नवंबर। उत्तर भारतीयों के प्रमुख त्यौहार छठ पर्व पर आज शाम डूबते सूर्य को व्रतधारी महिलाएं अध्र्य देंगी। खरना की रस्म के साथ छठ पर्व की शुरूआत हो गई है। राजनांदगांव शहर में उत्तर भारतीयों की खासी तादाद हो गई है। इस पर्व की महत्ता के चलते शहर में छठ पर्व को लेकर उत्साह का माहौल है। महिलाएं बाजार में खरीददारी कर रही हैं। विशेषकर पूजा-अर्चना के लिए फल, मिठाई, कपड़े तथा अन्य सामग्रियों की खरीददारी बाजार में बढ़ी है। संतानों की लंबी आयु की कामना के लिए छठ पर्व में भगवान सूर्य देव की उपासना की जाती है। इस पर्व को छठी मैया का भी उपासना का पर्व कहा जाता है।

व्रतधारी महिलाओं को गुड़ से बने खीर का स्वाद चखाया जाता है। इसके बाद परिजन भी इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं। प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का कठिन व्रत रखा जाता है। महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पर्व की परंपरा के तहत पूजा-अर्चना करेंगी। रविवार शाम को डूबते सूर्य को अध्र्य दिया जाएगा। वहीं कल सोमवार को उगते सूर्य को अध्र्य देकर पर्व का समापन होगा। शहर के मुख्य तालाबों की साफ-सफाई का कार्य पूर्ण हो गया है। मोती तालाब के घाट में आज शाम और कल सुबह बड़ी संख्या में व्रतधारी महिलाओं के साथ परिवार के लोग मौजूद रहेंगे। इधर पर्व के चलते चना दाल और कद्दू की सब्जी पारंपरिक रूप से बनाई जाएगी। तालाबों में पूजन की खास व्यवस्था की गई है।

छठ पूजन समिति के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बताया कि शहरभर में व्रतधारियों के लिए तीन तालाबों में पूजन की व्यवस्था की गई थी। छठी मैय्या के गीतों के बीच श्रद्धालु बड़ी संख्या में तालाब में पहुंचेंगे। आज डूबते सूर्य को अध्र्य देने के बाद कल सोमवार सुबह उगते सूर्य को अध्र्य दिया जाएगा। नहाय-खाय की रस्म से शुरू हुए छठ पर्व के तीसरे दिन सुहागिन महिलाएं आज डूबते सूर्य को अध्र्य देकर छठी मैय्या का आशीर्वाद लेंगी। शहर के तालाबों में आस्था का सैलाब नजर आएगा। शहर में बड़ी संख्या में बिहार और उत्तर प्रदेश के बाशिंदे निवासरत है। उनकी ओर से हर साल छठ पर्व मनाने से रौनकता रहती है। कल सोमवार को सुबह सूर्य देव को अध्र्य देने के बाद पर्व का समापन हो जाएगा।


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