राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाताकोटवार ही सूचना का प्रथम स्रोत
राजनांदगांव, 2 नवंबर। खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले की एसपी अंकिता शर्मा के निर्देशन में अति. पुलिस अधीक्षक नेहा पाण्डेय द्वारा केसीजी जिले के समस्त कोटवारों और वनरक्षकों की कार्यशाला आयोजित कर कानून व्यवस्था व चुनाव को लेकर आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही चुनाव के दौरान पोलिंग बूथ में क्या करें? क्या न करें।
इस संंबंध में कोटवारों एवं वनरक्षकों को अवगत कराया गया। साथ ही केसीजी में आयोजित कोटवार व वनरक्षक एवं निर्वाचन शाखा से मास्टर ट्रेनर उमेंद पटेल व मनसुख लाल वर्मा शामिल हुए। उन्होंने कानून व्यवस्था और चुनाव ड्यूटी के संबंध में कोटवारों व वनरक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि जिले की कानून व्यवस्था, आगामी चुनाव की तैयारी, संवेदनशील मुद्दों तथा अपराध नियंत्रण व आवश्यक प्रतिबंधात्मक कार्रवाई को लेकर निर्देश दिए। कार्यशाला में कोटवार व वनरक्षकों को अपराधों व कानून व्यवस्था के नियंत्रण में उनके दायित्व तथा चुनाव में महत्वपूर्ण दायित्वों पर चर्चा की। एएसपी ने अपने उद्बोधन में कोटवार की महत्ता बताते उन्हें उनकी पहुंच गांव-गांव और कोटवार को ही सूचना का प्रथम स्रोत बताया।
मिली जानकारी के अनुसार एसपी अंकिता शर्मा के निर्देशन में एएसपी नेहा पांडेय के मार्गदर्शन में एक नवंबर को छत्तीसगढ़ स्थापना के अवसर पर केसीजी जिले के कोटवारों एवं वनरक्षकों की कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में कोटवारों और वनरक्षकों को चुनाव के दौरान पोलिंग बूथों में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किस प्रकार किया जाता है, के संबंध में अवगत कराया गया।
कार्यशाला में एएसपी नेहा पांडेय एवं मास्टर ट्रेनर उमेंद पटेल व मनसुखलाल वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोटवार ही ग्रामीणों के समीप है, क्योंकि उनकी पहुंच गांव-गांव में है। कोटवार ही सूचना का प्रथम स्रोत है। उसी प्रकार वनरक्षक भी जंगल के अंदरूनी क्षेत्रों के अच्छे जानकार होते है, जो कि असामाजिक तत्वों पर बारीकी से नजर रखते हैं। इस तरह सभी कोटवारों व वनरक्षको को अपने-अपने क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने एवं लगातार थाना प्रभारी से समन्वय स्थापित कर शांति का वातावरण निर्मित करने एवं अवैध गतिविधियों के संबंध में पुलिस को सूचना देने एवं वन क्षेत्रों में हो रही असामाजिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखने निर्देशित किया।
पोलिंग बूथ में चुनाव दौरान, उपस्थित व्यक्तियों की पहचान, होने वाली भीड़ का नियंत्रण, पोलिंग बूथ से प्रचार अथवा बैनर पोस्टर की दूरी संबंधित निर्देशिका को प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया गया।
साथ ही चुनाव उपरांत मतपेटिया/ इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों की सुरक्षा किस प्रकार करना है, आदि के बारे मे विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला में लगभग 400 से कोटवार, वनरक्षक एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।