राजनांदगांव

शब्द झूठ बोल सकते हैं, व्यवहार नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 14 अक्टूबर। दिग्विजय महाविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में अंतर विभागीय व्याख्यान माला के अंतर्गत ‘पत्रकारिता, विज्ञान और अपराध’ विषय पर डॉ. माजिद अली प्राध्यापक प्राणी शास्त्र का व्याख्यान हुआ।
प्राचार्य डॉ. केएल टांडेकर के संरक्षकत्व एवं विभाग अध्यक्ष डॉ. बीएन जागृत के निर्देशन में पत्रकारिता विभाग में आयोजित व्याख्यान माला में अत्यंत रोचक ढंग से डॉ. माजिद अली ने पत्रकारिता से जुड़े विज्ञान की विभिन्न भागों और प्रभागो को विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने बताया कि गोविंद बिहारी लाल, विज्ञान पत्रकारिता के जनक थे। वाइल्ड लाइफ पत्रकारिता के साथ-साथ डीएनए तत्व का विभिन्न अपराधों को सुलझाने में बहुत महत्व होता है।
उन्होंने कहा कि पत्रकार को पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं होना चाहिए। घटना के वास्तविक कारण पर जाना चाहिए, पूर्वाग्रह, अंधविश्वास गलत रास्ते की ओर जाता है। पत्रकार के लिए छत, दीवार और जमीन भी गवाह होते हैं। उसे किसी के सामने झुकना नहीं है। उन्होंने पूर्व के एक बड़े नेता एवं पत्रकार का उदाहरण देते बताया कि स्वयं उसी पार्टी के सांसद होते हुए भी अपनी पार्टी के कार्यों की ऐसी समीक्षा की कि तत्कालीन मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था। पत्रकार समाज का ऐसा अंग है, जो उत्प्रेरक की भांति कार्य करता है। वह घटना में शामिल होता है, पर उस घटना में उसका योगदान नहीं होता, इसलिए वह उत्प्रेरक की भूमिका में होता है। उसे विवेकशील होना चाहिए।