राजनांदगांव

शासकीय सेवकों को पहुंची लाखों की आर्थिक क्षति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 जून। पूर्व सांसद एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मधुसूदन यादव ने आरोप लगाया है कि विगत साढ़े चार साल से छत्तीसगढ़ सरकार लगातार शासकीय सेवकों का वित्तीय शोषण करती आ रही है। शासकीय सेवकों के विभिन्न संगठनों एवं संघो से पूछ-पूछ कर कर्मचारी हित से जुड़े तमाम वायदे अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने वाली कांग्रेस सरकार आज उन्हीं वायदों को भुला बैठी है और इन संघो और संगठनों से वार्तालाप करने तैयार तक नहीं है। जबकि ये संघ और संगठन सरकार से अपने चुनावी वायदो को पूरा करवाने प्रदेश में लगातार आंदोलन एवं विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं।
पूर्व संासद श्री यादव ने आरोप लगाया कि आजादी के बाद देश के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी राज्य शासन के खिलाफ अधीनस्थ कार्यरत मानव संसाधन द्वारा इतना अधिक विरोध प्रदर्शन एवं आंदोलन किया जा रहा है। हाथ में गंगाजल लेकर नियमितीकरण के झूठे वायदे करने वाली कांग्रेस सरकार के विरोध में आज प्रदेश में आक्रोश का माहौल व्याप्त है, जो किसी भी वक्त विस्फोटक रूप ले सकता है।
अपने चुनावी घोषणाओं को पूरा करना तो दूर, उल्टे राज्य की कांग्रेस सरकार समय समय पर केन्द्र शासन के द्वारा बताए गए डीए की दर को भी छत्तीसगढ़ में लागू करने में टालमटोल करके शासकीय सेवकों को बढ़े हुए डीए के रूप में प्राप्त होने वाले करोड़ों रुपए की राशि हड़पने में लगी है।
इसके पूर्ववर्ती भाजपा शासन में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा शासकीय सेवकों के हित को ध्यान में रखते केन्द्र शासन द्वारा बढ़ाए गए डीए की दर को एरियर्स राशि के रूप में शासकीय सेवकों को प्रदान किया जाता था,
किन्तु इस परिपाटी को राज्य में सत्तासीन हिटलरशाही कांग्रेस सरकार ने बदल दिया है।
राज्य के कई शासकीय कर्मचारी संगठन यह दावा करते हैं कि केन्द्र शासन के देय तिथि से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बढ़े हुए दर से डीए का भुगतान नहीं करने के कारण, शासकीय सेवकों को पिछले साढ़े चार सालों में लाखों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंची है।