राजनांदगांव

पत्थर खदान की मनमानी खुदाई से पानी के लिए तरसते घोरदावासियों ने घेरा थाना
29-Apr-2023 12:52 PM
पत्थर खदान की मनमानी खुदाई से पानी के लिए तरसते घोरदावासियों ने घेरा थाना

 खदान मालिक पर तय सीमा से अधिक खुदाई करने लगाया आरोप, अफसरों पर सांठगांठ पर उठाए सवाल 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 29 अप्रैल। घोरदा के पत्थर खदान में तय सीमा से अधिक खुदाई किए जाने के बाद ग्रामीणों के सामने पेयजल का संकट खड़ा हो गया है। भीषण गर्मी में पूरा गांव पानी की जरूरत के लिए दर-दर भटक रहा है। ग्रामीणों ने इसके लिए खदान मालिक निर्मलचंद जैन और उनके सुपुत्र अंकित जैन को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। ग्रामीणों ने खुदाई  को लेकर विरोध करने पर तीन लोगों के विरूद्ध झूठा मुकदमा दर्ज करने के विरोध में लालबाग थाना का घेराव कर दिया। महिलाओं ने सीधे थाना परिसर में आकर ठेकेदार पिता-पुत्र के विरूद्ध आवाज उठाते प्रशासन और जिम्मेदार अफसरों की चुप्पी पर सवाल उठाए। इधर ग्रामीणों के थाना में धमकने की खबर के बाद सीएसपी अमित पटेल पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर पूर्व से ही कार्रवाई की जा रही है।

बताया जा रहा है कि घोरदा में संचालित पत्थर खदान की गहराई लंबी-चौड़ी हो गई है। खदान मालिक ने नियमों की परवाह किए बगैर सीधे धड़ल्ले से खदान को दिन-रात खोद डाला है। बढ़ती गहराई के कारण  गांव का जलस्तर सीधे नीचे चला गया। गर्मी में हैंडपंप और दूसरे जलस्रोत सूखे पड़ गए हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि नदी के किनारे बसे घोरदा गांव की हालत अब सूखाग्रस्त इलाके में तब्दील हो गई है। खदान मालिकों ने 14 मीटर के बजाय 28 मीटर तक जमीन की खुदाई कर दी है। पिछले कुछ सालों से रॉयल्टी पर्ची को लेकर भी मालिकों ने स्थिति साफ नहीं की है। एक ग्रामीण ने बताया कि प्रशासन ने खुदाई के लिए 4 एकड़ 88 डिसमिल जमीन का दायरा तय किया था। बेखौफ खुदाई करते खदान की सीमा 8 एकड़ पार हो गई है।

बताया जा रहा है कि पिछले कुछ बरसों से लगातार गांव के लोगों ने प्रशासन से खदान बंद करने की गुहार लगाई। पेयजल के अलावा प्रदूषण खदान की वजह से तेजी से फैल रहा है। ग्रामीणों की आवाज को अनसुना कर अफसर कथित रूप से खदान संचालकों के साथ खड़े दिख रहे हैं। यही कारण है कि तीन ग्रामीण मेघनाथ साहू, राजेन्द्र साहू और संजय भट्टाचार्य ने जब विरोध किया तो उनके विरूद्ध झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है। झूठे आरोपों के तहत कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार देर शाम को घोरदा गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने थाना कूच किया। वहीं नारेबाजी करते खदान मालिक और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग की।

क्या कहते हैं सरपंच व ग्रामीण

घोरदा की सरपंच मालती साहू ने आरोप लगाया कि खनन के कारण पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। खदान को तत्काल बंद किया जाना चाहिए और तीन ग्रामीणों के विरूद्ध की गई पुलिस कार्रवाई को खारिज किया जाए। गांव के हरक साहू ने कहा कि पत्थर खदान से पूरा गांव प्यासा हो गया है। पेयजल संकट ने विकराल रूप धारण कर लिया है। जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की प्रशासन से हमारी मांग है। गांव के ही शिवशंकर साहू ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से पत्थर खदान को बंद करने के लिए ग्रामीण लामबंद हो गए हैं। दुर्भाग्य है कि अवैध तरीके से की गई खुदाई पर कार्रवाई करने के बजाय आला अफसर मालिकों के संग सांठगांठ कर अपना काम साध रहे हैं।

विस चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी

लालबाग थाना पहुंचे ग्रामीणों ने अपनी समस्या का समाधान नहीं होने पर आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। इसके लिए अफसरों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा। विधानसभा चुनाव तक समस्या का हल नहीं होने पर ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन और धरना भी देने का ऐलान किया है। आखिरी में विधानसभा चुनाव में बहिष्कार को दबाव बनाने के रास्ते के रूप में चुना जाएगा।


अन्य पोस्ट