राजनांदगांव

कांग्रेस-भाजपा पार्षदों के गठजोड़ से राजकुमारी सिन्हा मुश्किल में
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 27 अप्रैल। छुरिया नगर पंचायत की अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा इन दिनों एक बड़े राजनीतिक संकट का सामना कर रही है। पिछले दिनों भाजपा से निष्कासित पार्षदों और कांग्रेस पार्षदों ने एक गठजोड़ बनाकर अविश्वास प्रस्ताव के लिए कलेक्टर से मुलाकात की । इस घटनाक्रम के बीच 26 अप्रैल को पीआईसी की बैठक कर विकास कार्यों को स्वीकृत करने पर नाराज पार्षद भड़क गए।
कलेक्टर से मुलाकात कर नाराज पार्षदों ने पीआईसी की बैठक को अमान्य करने की मांग की। 11 पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव की पूरी तैयारी की जा रही है। पीआईसी की बैठक आहूत कर अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा ने एक तरह से नाराज पार्षदों से बैर मोल ले लिया। बैठक को लेकर 11 पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलते कलेक्टर से बैठक को अवैधानिक घोषित करने की मांग की।
नाराज पार्षदों का आरोप है कि बैठक दरअसल अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा द्वारा अपनी कुर्सी बचाने की नियत से असंवैधानिक रूप से आहूत की गई, ताकि सत्तापक्ष में मतदान करने पार्षदों को लुभाया जा सके। पिछले कुछ दिनों से छुरिया नगर पंचायत में अध्यक्ष और पार्षद के बीच विवाद होता रहा है। छुरिया नगर पंचायत में शॉपिंग काम्प्लेक्स में दुकानों के आबंटन को लेकर ही पार्षद और अध्यक्ष में तनातनी की शुरूआत हुई। श्रीमती सिन्हा नगर पंचायत की दूसरी बार अध्यक्ष हैं। मौजूदा कार्यकाल में उन पर कई तरह के आरोप लगे हैं।
इस संबंध में अध्यक्ष श्रीमती सिन्हा ने 'छत्तीसगढ़' से कहा कि उन्हें राजनीतिक रूप से परेशान करने एक शीर्ष नेता के इशारे पर षडयंत्र किया गया है। कांग्रेस के पार्षद उनके पक्ष में है। उनकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण विरोधी भ्रम पैदा कर रहे हैं। इधर नाराज पार्षदों ने आरोप लगाया कि नगर पंचायत के अधीन कार्यों में भ्रष्टाचार व्याप्त है। कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद राधेश्याम ठाकुर ने कहा कि दुकान आबंटन, राशन घोटाला तथा सीसी रोड़ निर्माण में खुलकर भ्रष्टाचार किया गया है। नगर में विकास काम ठप पड़े हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक वरिष्ठ पार्षद ठाकुर के नेतृत्व में आप पार्टी के पार्षद सलमान खान, भाजपा से निष्कासित पार्षद सीमा सिन्हा, भारती रजक, त्रिवेणी कुंभकार, भूषण नेताम ने भी अपनी पीड़ा जाहिर करते अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को सही ठहराया। नाराज पार्षदों ने पीआईसी की बैठक को रद्द करने की मांग करते कहा कि बैठक एक तरह से पार्षदों को लुभाने की रणनीति है। अविश्वास प्रस्ताव के जरिये अध्यक्ष की कुर्सी जाती दिख रही है।