राजनांदगांव

भगवान राधाकृष्ण भक्तों के संग मंदिर से निकलेंगे होली खेलने
25-Feb-2023 3:26 PM
भगवान राधाकृष्ण भक्तों के संग मंदिर से निकलेंगे होली खेलने

7 को रंगोत्सव, तैयारियां जारी

राजनांदगांव, 25 फरवरी। संस्कारधानी नगरी राजनांदगांव में पिछले 32 वर्षों से रंगोत्सव का त्यौहार श्री सत्यनारायण मंदिर समिति के तत्वावधान में नागरिकों की रंगोत्सव समिति द्वारा हर्षोल्लास के साथ भक्ति एवं श्रद्धापूर्ण मनाया जाता है।
श्री सत्यनारायण मंदिर समिति के निवृतमान अध्यक्ष विष्णु लोहिया, अध्यक्ष अशोक लोहिया, सचिव सुरेश अग्रवाल, कोषाध्यक्ष हरीश अग्रवाल, सहसचिव रामावतार जोशी, विधि सलाहकार जुगल किशोर अग्रवाल, भवन निर्माण प्रभारी संतोष सिंघल ने जानकारी दी है कि मंदिर समिति वर्षो से हिंदू संस्कृति के विभिन्न त्योहारों को सार्वजनिक रूप से मनाती आ रही है। इसी तारतम्य में 32 वर्ष पूर्व यह परंपरा नगर के प्रतिष्ठित, सामाजिक कार्यकर्ता श्रद्धेय स्व. नथमल अग्रवाल की प्रेरणा से प्रारंभ की गई थी। इस वर्ष 7 मार्च को 33वा रंगोत्सव का त्यौहार धूमधाम से मनाए जाने हेतु व्यापक तैयारियां की जा रही है।

श्री सत्यनारायण मंदिर समिति की आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष रंगोत्सव पर नवीनता लिए भव्य रथ को तैयार किया जाएगा। आयोजन को भव्यता प्रदान करने मंदिर समिति के उत्सव प्रभारीगण राजेश शर्मा, लक्ष्मण लोहिया, पवन लोहिया, श्याम सुंदर खंडेलवाल के साथ ही धर्मशाला व्यवस्था प्रभारी राजेश अग्रवाल को जिम्मेदारी सौंपी गई है। आयोजन प्रभारियों के अनुसार श्री सत्यनारायण मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित अखंड ब्रह्मांड नायक भगवान राधाकृष्ण रथ के अग्र भाग में विराजित होंगे। भगवान राधाकृष्ण के ऊपर कोई भी भक्त किसी ऊंच-नीच, जाति-धर्म, अमीर-गरीब के भेदभाव के बिना स्वयं अपने हाथों से रंग, गुलाल, जल, प्रसाद इत्यादि का अर्पण कर सकेगा।

समिति की ओर से जानकारी दी गई है कि भगवान राधाकृष्ण की शोभायात्रा सुबह 9 बजे प्रारंभ होगी। इस वर्ष अनेक स्थानों पर रंगों के फुहारे से केशरिया रंग की बारिश किए जाने की तैयारियां की जा रही है। समिति द्वारा मंदिर के समक्ष रथयात्रा प्रारंभ होने के समय उपस्थित सभी भक्तों को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया जाएगा। शोभायात्रा की विशेषता यह होती है कि प्रत्येक भक्त केशरिया रंग में रंगा होता है। रंगोत्सव समिति ने आमजनों से आग्रह किया है कि शोभयात्रा में शामिल भक्तों के ऊपर लाल, गुलाबी एवं केशरिया रंगों एवं गुलाल का प्रयोग करे। संस्कारधानी के सभी भजन मंडलियों एवं भजन गायको को इस अवसर पर फागुन के भजन गायन के लिए आमंत्रित किया गया है। संस्कारधानी की सभी भजन मंडलियों एवं गायक कलाकारों से चर्चा कर सहमति प्राप्त की जा रही है।


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