राजनांदगांव

नवाज की सटीक रणनीति से कांग्रेस को मिली जीत
13-Jan-2023 12:55 PM
नवाज की सटीक रणनीति से कांग्रेस को मिली जीत

डोंगरगढ़ में वार्ड नं. 6 के उप चुनाव में बड़ी अंतर से भाजपा की हार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 जनवरी।
डोंगरगढ़ नगर पालिका के वार्ड नं. 6 के उपचुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई है। वार्ड पार्षद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा लिल्हारे ने भाजपा प्रत्याशी रतन कोसे को अच्छे मतों के अंतर में पराजित किया। कृष्णा लिल्हारे के चाचा स्व. रमेश लिल्हारे के निधन पर पार्षद चुनाव के लिए उपचुनाव हुआ। कांग्रेस की शानदार जीत के पीछे जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष नवाज खान की सटीक रणनीति रही। भाजपा को एक बड़े अंतर से पराजित कर कांग्रेस ने अपना दबदबा कायम रखा। कांग्रेस की जीत का परचम लहराने से भाजपा एक तरह से चारो खाने चित्त हो गई। नवाज खान के अलावा अन्य नेताओं ने भी ताकत झोंकी, लेकिन खान की अंदरूनी मोर्चाबंदी के सामने भाजपा टिक नहीं पाई। भाजपा नेताओं ने जीत को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे।

बताया जा रहा है कि भाजपा के कुछ नेताओं को चुनाव से दरकिनार रखना भी हार की एक वजह रही। कांग्रेस प्रत्याशी लिल्हारे को 164 और भाजपा प्रत्याशी को 125 मत प्राप्त हुए। वहीं तीन मतदाताओं ने नोटा के बटन को दबाया और तीन मत निरस्त हुए। इस तरह दो उम्मीदवारों के बीच ही चुनावी मुकाबला रहा। खान की प्रतिष्ठा भी इस चुनाव में दांव पर थी। लिहाजा उन्होंने वार्ड के भीतर और बाहर की राजनीतिक परिस्थितियों पर पैनी निगाह रखते हुए जीत के लिए तमाम प्रयास में कोई कसर नहीं छोड़ी। चुनावी नतीजे सामने आने के बाद यह साफ हो गया कि रणनीतिक मोर्चे पर कांग्रेस की ज्यादा काबिलियत नजर आई। वहीं भाजपा नेताओं को एक करारी शिकस्त से बड़ा नुकसान उठाना पड़ा।

बताया जा रहा है कि इस जीत से अगले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी मायने भी है। यानी सत्तारूढ़ दल को हार की सूरत में लोगों के बीच पैठ बनाने में नए सिरे से कोशिश करनी पड़ती। वहीं विपक्षी भाजपा नेताओं की कोशिशें कांग्रेस की शानदार जीत के सामने धरी की धरी रह गई। सांगठनिक स्तर पर खान और क्षेत्रीय नेताओं ने एक अच्छी तैयारी की। विधायक भुनेश्वर बघेल के अलावा कुछ और नेताओं ने भी जी-तोड़ मेहनत की। डोंगरगढ़ में भाजपा की हार से  कांग्रेस नेताओं के हौसले स्वभाविक रूप से बढ़ेंगे।

भाजपा नेताओं के विचार नहीं मिलने से हार
भाजपा नेताओं की आपसी गुटबाजी से पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक विनोद खांडेकर का कुछ क्षेत्रीय नेताओं से चुनाव प्रचार के दौरान कुछ मतभेद हुए। इस बात को लेकर सार्वजनिक रूप से डोंगरगढ़ के सर्किट हाउस में हल्की नोंक-झोंक भी हुई। जिले के नेताओं से चर्चा के बाद वार्ड से लगे दूसरे प्रभावशाली नेताओं को प्रचार करने की जिम्मेदारी पर पूर्व विधायक खांडेकर ने आपत्ति दर्ज कराई। इससे दूसरे नेता चुनावी गतिविधियों से अलग हो गए। आखिरकार पार्टी को यहां हार का सामना करना पड़ा।

 


अन्य पोस्ट