राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 दिसंबर। गुरूघासीदास जयंती पर किसी भी राजनीतिक दल के मंत्री, सांसद एवं विधायक को नहीं बुलाने का निर्णय सतनामी समाज ने बैठक आयोजित कर लिया है। साथ ही अनुसूचित जाति के आरक्षण को यथावत नहीं करने पर आगामी दिनों जिला मुख्यालय में उग्र आंदोलन, चक्काजाम जैसा प्रदर्शन करने की रणनीति पर भी चर्चा की गई।
मिली जानकारी के अनुसार 11 दिसंबर को सतनामी समाज जिला राजनांदगांव की विशेष बैठक गुरू घासीदास धर्मशाला नंदई में आयोजित की गई। बैठक में जिले के सतनामी समाज के पदाधिकारी, सामाजिकगण व अनुसूचित जाति के विद्यार्थीगण शामिल हुए।
बैठक में आरक्षण पर एक गंभीर चर्चा हुई। जिस पर सदस्यों ने कहा कि उच्च न्यायालय ने एससी वर्ग के हित को ध्यान में रखकर आरक्षण को 16 प्रतिशत करने के लिए फैसला सुनाया, परन्तु छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सम्मानीय उच्च न्यायालय के फैसले को नजर अंदाज कर अनुसूचित जाति के आरक्षण को 13 प्रतिशत ही रखा गया। इस कारण गुरू घासीदास जयंती समारोह में किसी भी मंत्री, सांसद व विधायक को अतिथि नहीं बनाने का निर्णय लिया।
बैठक में सदस्यों ने कहा कि अनुसूचित जाति के आरक्षण को यथावत 16 प्रतिशत नहीं किया गया तो आगामी दिनों में जिला मुख्यालय राजनांदगांव में उग्र आंदोलन, चक्काजाम जैसा प्रदर्शन किया जाएगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ शासन-प्रशासन की होगी। बैठक में शहर सतनामी समाज के अध्यक्ष नरेंद्र राय, सतनामी समाज लखोली के अध्यक्ष प्रकाश मारकंडे, कन्हारपुरी के अध्यक्ष युवराज भारती, मिमीमाता कल्याणी महिला मंडल की अध्यक्ष इंद्रानी, समाज के पदाधिकारी किशन जोशी, पारस चंदनिया, कांति टंडन, देवा गेंदरे, खिलेश बंजारे, चंदन लहरे, आलोक सोनवानी, वरुण सोनवानी, जीतू कौशिक, विनोद गेंदरे, शानू राही, जितेंद्र बघेल, चेतन टंडन , भूषण टोंडे, तनुज कौशिक, राज खरे, सुरेश कौशिक, नीतू खरे, दवना लहरे, जामबाई, अंजू बंजारे, प्रतिमा बंजारे एवं युवा वर्ग शामिल थे।