राजनांदगांव

शासन के भेदभाव के कारण प्रभावित किसानों के साथ हुआ अन्याय- संतोष
30-Nov-2022 3:40 PM
शासन के भेदभाव के कारण प्रभावित किसानों के साथ हुआ अन्याय- संतोष

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
राजनांदगांव, 30 नवंबर।
भारतमाला परियोजना के तहत जिले के ग्राम अंजोरा और देवादा के किसानों को अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजा के लिए केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से निरंतर पत्राचार और मुलाकात के उपरांत सांसद संतोष पांडे ने जानकारी प्राप्त कर छत्तीसगढ़ सरकार पर उक्त ग्राम के किसानों  के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है। 

सांसद पांडे ने केन्द्रीय मंत्री से मुलाकात और पत्राचार उपरांत बताया कि उक्त ग्रामों के किसान गत डेढ़ वर्ष से अधिक समय से उचित मुआवजा की मांग हेतु उनके संपर्क में हैं। उन भोले-भाले कृषकों को स्थानीय स्तर पर बरगलाया गया कि भूमि अधिग्रहण में केन्द्र की भूमिका रहती है तथा भू-अर्जन की गणना सडक़ परिवहन मंत्रालय करता है, जो सरासर झूठ है। 

श्री गडकरी ने बताया है कि भू-अर्जन व मुआवजे के लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार को गणना के लिए स्वतंत्र कर दिया था तथा जितनी गणना उनके द्वारा की जाएगी, उतनी राशि देने प्रतिबद्ध है। निरंतर पत्राचार उपरान्त मंत्री को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि छग राजस्व विभाग द्वारा राजनांदगांव के कृषकों को मात्र दोगुना मुआवजा दिया जा रहा है। वहीं अंजोरा से लगे दुर्ग जिले के ग्रामों को चार गुना मुआवजा दिया जा रहा है। यहां तक कृषकों के खेतों में उपलब्ध संसाधन यथा फलदार वृक्ष, कुंआ, बोर पंप, दो फसली भूमि आदि की गणना में भी भेदभाव कर समस्त भूमि के अर्जन की गणना एक ही इकाई में मापा गया है। किसी प्रकार की संवेदनशीलता का परिचय गणनाकर्ता अधिकारी द्वारा नहीं दिया गया। केन्द्रीय मंत्री के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण उतनी राशि सरकार को देने सदैव तत्पर रहती है। जिसकी गणना प्रदेश सरकार के संबंधित राजस्व अधिकारियों द्वारा सक्षम अधिकारी होने के नाते उनके आधीन राजस्व अमलों के दस्तावेजों के अनुसार ही की जाती है।

सांसद पांडे ने छत्तीसगढ़ शासन पर यह आरोप भी लगाया कि राजनांदगांव जिले के बाद जब दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र के किसानों के भूमि अर्जन की शुरूआत हुई तो उन्होंने 2 मई 2019 को जारी छत्तीसगढ़ भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्वासन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिनियम 2019 के माध्यम से मुआवजा की दर को बढ़ाकर चार गुना किया। राजनांदगांव के कृषकगण भी यही मांग कर रहे हैं कि उक्त अधिनियम को पूर्व व्यापी प्रभाव से लागू कर उन्हें भी मुआवजा की राशि बढ़ाकर दी जाए। यह समस्त अधिकार प्रदेश शासन के पास सुरक्षित है, ना कि केन्द्र शासन के पास। केन्द्रीय नियमों का हवाला देते सांसद संतोष पांडे ने भूपेश सरकार से मांग की है कि दुर्ग जिले के कृषकों की भांति राजनांदगांव जिले के कृषकों को भी अधिग्रहीत भूमि का चार गुना मुआवजा प्रदान करें और कृषकों को दिग्भ्रिमित करना बंद करें। 

 


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