राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई, 19 सितंबर। ग्राम मोहगांव में महिलाओं व किशोरियों को उनके अधिकार और कानूनी जानकारी देने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वावधान में शिविर का आयोजन किया गया था, जहां न्यायाधीश छुईखदान, गंडई थाना स्टॉफ, मोहगांव, छुईखदान न्यायालय के स्टॉफ उपस्थित थे। न्यायाधीश द्वारा महिलाओं एवं किशोरियों को विभिन्न प्रकार की विधिक जानकारी देते उनके अधिकार, क्या करें, क्या न करें, टोल फ्री नंबर एवं अन्य जानकारी दी।
मिली जानकारी के अनुसार ग्राम मोहगांव में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वावधान में महिलाओं के अधिकारों के संबंध में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सिविल जज संजूलता देवांगन सहित एसडीओपी प्रशांत खांडे, महिला बाल विकास विभाग और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्टाफ सहित कोर्ट स्टाफ सनिल कुमार एवं अन्य लोग उपस्थित रहे थे। कार्यक्रम में मोहगांव सहित आसपास के ग्रामीण लगभग 100 से अधिक लोग शामिल थे, जिन्हें न्यायाधीश संजूलता देवांगन ने बताया कि किसी भी परेशानी में सलाह लेने पर नि:शुल्क नंबर 15100 है। जिसमें विधिक सहायता ले सकते हैं। स्कूल जाने वाली किशोरी बालिकाओं के लिए स्कूल में हेल्प लाइन नंबर चस्पा करवाने आदेशित किया जाएगा।
एसडीओपी प्रशांत खांडे ने कानूनी जानकारी देते बताया कि आप लोग बेझिझक किसी भी मामले की जानकारी पुलिस को दे सकते हैं। बताया गया कि बलात्कार के मामलों पर पीडि़ता का नाम उजागर नहीं किया जाता है।
बलात्कार के मामलों पर महिला को थाना नहीं बुलाया जाएगा। साथ ही साइबर सिक्योरिटी के तहत ओटीपी, यूपीआई किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए। महिलाएं एवं किशोरी बालिकाओ को सोशल मीडिया पर निजी जानकारी, फोटो, वीडियो शेयर करने से बचना चाहिए और अंजान व्यक्ति को मोबाइल नंबर या अपनी पर्सनल जानकारी नहीं देना चाहिए। सभी मोबाइल का सही उपयोग करें, अपने आसपास की घटना की सूचना तत्काल संबंधित थानों में दे।