राजनांदगांव
सप्ताह में एक दिन की छुट्टी से वंचित हैं सिपाही
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 अगस्त। जिला पुलिस महकमे में कोरोना से जवानों की साप्ताहिक अवकाश पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। कोरोनाकाल की आड़ में सेवारत जवानों को सप्ताह में मिलने वाली एक दिन की छुट्टी लंबे समय से बंद पड़ी है। रोटेशन के तहत थानों में पदस्थ जवानों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश देने का प्रावधान रहा है। कोरोना संकट के खड़े होते ही जवानों को मैदानी मोर्चे में तैनात कर दिया गया। कोरोना की पाबंदियों को सख्ती से लागू करने के लिए जवानों को जिम्मेदारी मिलते ही उनके हक की साप्ताहिक छुट्टी पर मानो ग्रहण लग गया।
बताया जा रहा है कि जिले में कुछ थानेदार अपनी सुविधा के मुताबिक आरक्षकों को साप्ताहिक छुट्टी का लाभ दे रहे हैं। वैसे ज्यादातर थानों में साप्ताहिक अवकाश पर प्रतिबंध लगा हुआ है। यह प्रतिबंध विभागीय स्तर पर अघोषित है। बताया जा रहा है कि साप्ताहिक अवकाश मिलने के लिए प्रदेश स्तर पर राज्य सरकार ने एक नीतिगत निर्णय लिया था। दीगर विभागों के कर्मियों को मिलने वाली छुट्टियों के मद्देनजर पुलिस जवानों के लिए साप्ताहिक अवकाश दिए जाने का निर्णय पारित किया गया। बताया जा रहा है कि साप्ताहिक अवकाश के लिए एक रोटेशन भी तैयार किया गया। थानों में पदस्थ जवानों को उनकी पसंदीदा दिन पर साप्ताहिक अवकाश देने का चलन भी शुरू हुआ, लेकिन कोरोनाकाल के असर से जवानों की छुट्टियों पर पाबंदी लगा दी गई।
इस संबंध में एसपी डी. श्रवण ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि साप्ताहिक अवकाश की नीति अब भी लागू है। छुट्टियों पर ब्रेक लगाने का निर्णय नहीं हुआ है। जवानों को उनका हक दिया जाएगा। इस बीच ज्यादातर थानों में कार्यरत जवानों को पिछले डेढ़ साल से साप्ताहिक अवकाश के लिए तरसना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि साप्ताहिक अवकाश देने की स्थिति में थानेदारों के सामने बल की कमी एक व्यवहारिक परेशानी का कारण भी बनी है।
बताया जा रहा है कि नक्सल क्षेत्रों के जवानों को साप्ताहिक अवकाश देने में सबसे ज्यादा अड़चने खड़ी हो रही है। वहीं शहरी थानों के आरक्षक भी अवकाश से वंचित है। यहां यह बता दें कि राजनांदगांव पुलिस महकमे का बल हजारों की तादाद में है। वीआईपी और दूसरी अति आवश्यक सेवाओं के लिए जवानों को ही तैनात किया जाता है। नक्सल क्षेत्रों और आपराधिक भरमार वाले थानों के जवानों के कार्य बोझ को कम करने के इरादे से साप्ताहिक अवकाश लागू किया गया, लेकिन कोरोना के बाधा से छुट्टी नहीं मिलने से सिपाहियों का मजा किरकिरा हो गया।