रायपुर

जैन संत प्रशांत सागर का देवलोक नमन
27-Dec-2025 7:45 PM
जैन संत प्रशांत सागर का देवलोक नमन

रायपुर, 27 दिसंबर। जैन संत प्रशांत सागर महाराज का देवलोक गमन 18 दिसंबर को केवल्यधाम तीर्थ  कुम्हारी में हो गया ।

उन्होंने श्री कैवल्यधाम में 2 मार्च 2015 को 80 वर्ष की उम्र में सांसारिक जीवन त्याग कर संयम जीवन स्वीकार किया था। 18 दिसम्बर 2025 को अपनी मोक्ष यात्रा की ओर बढ़ते हुए नश्वर काया का त्याग कर अपना संयमी जीवन पूर्ण कर देवलोक गमन किया।

अपनी लंबी जीवन यात्रा में श्री कैवल्यधाम जैन श्वेताम्बर ट्रस्टी के रुप में, श्री महाकौशल जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के आधार स्तम्भ के रूप में, आनंद कल्याण पेढ़ी के सदस्य के रूप में, जगदलपुर जैन श्री संघ के अध्यक्ष के रूप में अपने दायित्वो को ऊंचाइयों तक पहुंचाया।  पूरे भारत वर्ष में आपकी अलग पहचान थी ।

मुनिवर प्रशांत सागर जी म.सा. नाम के अनुरूप समाधि को पाने के लक्ष्य को लेकर संयम ग्रहण किया व संयम जीवन के अपने लगभग 11 वर्ष में उत्तरोत्तर उस दिशा में बढ़ते रहे। मैं आनंद में हूं आपका यह शब्द हमारी चिरस्मरणीय हो गया है।

विचक्षण जैन विद्यापीठ में रहकर न केवल विद्यार्थियों का बल्कि हर ट्रस्टियों का यहां तक की नवदीक्षित साधु साध्वियों को भी आपने मार्गदर्शन दिया।

ऐसे मोक्षगामी गुरुवर मुनि भगवंत प्रशांत सागर जी के जीवन का अंतिम दिन भी उनके लिए अत्यंत सौभाग्यशाली रहा जब प.पू. आचार्य भगवंत श्री महासेन सुरिश्वर जी अपनी शिष्य मंडली के साथ श्री केवल्यधाम तीर्थ पधारे और अपने मुखारबिंद से आपको संथारा का पच्चखाण करवाया और पंचसूत्र का श्रवण करवाया । अत्यंत शांति, समाधि व आंतरिक प्रसन्नता के साथ आपने अगले भव की ओर कदम बढ़ाया। अंत समय में 32 साधु साध्वियों सहित पूरा चतुर्विध संघ आपके अगले भव की मंगल कामना करने वहां उपस्थित थे।

 


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