रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 31 अक्टूबर। श्री शंकराचार्य आश्रम बोरियाकला रायपुर में चल रहे चातुर्मास्य के क्रम में आज धात्री नवमी के पुनीत पर्व पर आंवले का पूजन समस्त गुरु भक्तों ने मिलकर संपन्न किया। सर्वप्रथम भगवान विष्णु का विभिन्न द्रव्यों से अभिषेक किया गया तथा श्री सूक्त पुरुष सूक्त नारायण सूक्त से उनका पूजन किया गया विभिन्न प्रकार के फलों से अर्चन किया गया केला आंवला अमरूद वेर आदि रितु फलों से पूजन संपन्न हुई आंवले के वृक्ष को धागा से वेष्टित करके उसके मूल में जलाभिषेक किया गया। तत् पश्चात समस्त भक्तों ने भगवान नारायण की आरती का गायन किया और पुष्पांजलि की शंकराचार्य आश्रम के प्रभारी डॉ. स्वामी इन्दुभवानन्द महाराज ने बताया कि आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन करने से अश्वमेध यज्ञ करने का पुण्य प्राप्त होता है। आंवले के वृक्ष में जितने पत्ते होते हैं उतने ही अश्वमेध यज्ञ करने का पुण्य प्राप्त होता है।
आज के पूजन में विशेष रूप से एम. एल.पांडे सपरिवार आचार्य धर्मेंद्र महाराज आचार्य कोमल महाराज महेंद्र शास्त्री रामकुमार महाराज हनुमान तिवारी अनिल दुबे अलका कविता अमृता राधे साहू खिलावन साहू भारत साहू नंदकिशोर देवांगन अशोक पांडे आदि गुरु भक्त सम्मिलित हुए सभी लोगों ने आंवले वृक्ष के नीचे भंडारे का भोजन भी किया।


