रायपुर
रायपुर, 23 मई। भारतमाला मुआवजा घोटाले में जेल भेजे गए जमीन दलाल हरमीत खनूजा की स्वयं को निर्दोष बताते हुए दी गई जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दिया। ईओडब्ल्यू के विशेष न्यायाधीश ने गुरूवार को यह आदेश दिया। हरमीत ने स्वंय को निर्दोष बताते हुए इस घोटाले में झूठा फंसाए जाने का हवाला देते हुए आवेदन पेश किया था। साथ ही बताया था कि जमीन का मुआवजा लेने के आईसीआईसीआई बैंक महासमुंद में खाता खोला था। इस खाते में जमीन अधिग्रहण की राशि का मुआवजा मिला था। इस खाते से रकम निकालने के बाद परिजनों और अन्य बैंकों में ट्रांसफर किया। इसी बैंक में अन्य भूस्वामी द्वारा भी खाता खुलवाया गया है। जमानत दिए जाने पर जांच में सहयोग और विदेश फरार नहीं होगा।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि इस समय घोटाले की जांच चल रही है। जमानत दिए जाने पर साक्क्ष्य को प्रभावित करने से जांच पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। वहीं विदेशी भागने की संभावना के इंकार नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। अब इस मामले की रूटीन सुनवाई 29 मई को होगी। बता दें कि 48 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच करने के लिए 25 अप्रैल को ईओडब्ल्यू ने 20 ठिकानों में छापेमारी की गई थी। वहीं तलाशी में बरामद दस्तावेजों को जब्त कर जमीन दलाल हरमीत, केदार तिवारी उनकी पत्नी उमा तिवारी और विजय जैन को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया था। इसकी अवधि पूरी होने पर सभी को जेल भेज दिया गया है।