रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 सितंबर। छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की छटवीं अनुसूची की धारा 49 को लेकर छत्तीसगढ़ की सरकारों पर झूठ भ्रम फैला पेंशनरों से ठगी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अधिनियम के अध्ययन के बाद सलाह के साथ मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ से आग्रह किया है कि इसमें कही पर भी राज्य के पेंशनरों को महंगाई राहत या अन्य आर्थिक भुगतानों में दोनों राज्यों में आपसी सहमति होने पर ही भुगतान करने का कहीं कोई उल्लेख नहीँ हैं,पता नहीं किसके दिमाग की उपज है,जो राज्य विभाजन के बाद से दोनों राज्यो के बीच सहमति की अनिवार्यता सम्बन्धी झूठ का हल्ला मचाकर धारा 49 को पेंशनरों के महँगाई राहत तथा अन्य सभी प्रकार आर्थिक भुगतानों में रोड़ा बनाकर रखे हुए है।
जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि भारत सरकार गृह विभाग के अवर सचिव ललिता ने सूचना के अधिकार तहत 12 जुलाई 22 के तिथि में जानकारी भेजकर अवगत कराया है कि मध्यप्रदेश एवं छत्तीसग? राज्य के मुख्यसचिव को 13 नवम्बर 17 को प्रेषित पत्र अनुसार पेंशनर्स के देयताओं हेतु पारस्परिक सहमति की कोई आवश्यकता नही हैं,फिर भी इस प्रक्रिया को बिना कारण चालू रखकर दोनों राज्य सरकारें पेंशनरो को आर्थिक रूप से परेशान करने में लगे हैं।