रायपुर

बिजली ग्रिड पर साइबर हमले का खतरा, निपटने पांच राज्यों का मंथन
14-Sep-2024 4:50 PM
बिजली ग्रिड पर साइबर हमले का खतरा, निपटने पांच राज्यों का मंथन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 सितंबर।
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के मुख्यालय में स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर  में ग्रिड आपरेशन पश्चिम क्षेत्रीय साइबर सिक्यूरिटी को-आर्डिनेशन फोरम की तीसरी कार्यशाला हुई। इसमें साइबर हमले से ग्रिड प्रणाली को बचाने के उपायों पर चर्चा की गई।  शुभारंभ करते हुए  ट्रांसमिशन कंपनी के एमडी आरके शुक्ला ने साइबर सिक्युरिटी के विभिन्न चुनौतियों के प्रति अपनी चिन्ता जाहिर की। 

स्वागत उद्बोधन भार प्रेषण केन्द्र के ईई कोमल सिंह मनोठिया ने कहा कि आज पूरे देश में नई तकनीक से वन नेशन, वन ग्रिड से बिजली सप्लाई की जा रही है, ऐसे में पूरा सिस्टम कंप्यूटराइज्ड और आनलाइन रहता है। इसमें देश-विदेश के हैकर साइबर हमला कर देते हैं, जिससे बचने के लिए सुरक्षा और सर्तकता आवश्यक है।  हमारे यहां साइबर हमले से ग्रिड सुरक्षित रहे, इसके लिए विशेष सावधानी बरती जा रही है। इसके तहत ‘क्रिटिकल इंफरमेशन इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम’ को तैयार किया गया है। इसके तहत हर साल आईटी और आपरेशन टेक्नालाजी की साइबर आडिट कराने का प्रावधान किया गया है, ताकि हमें समय से पूर्व पता लग सके कि कहां से साइबर अटैक हो सकता है और उसे रोका कैसे जा सकता है।

पश्चिम क्षेत्रीय भार प्रेषण केन्द्र मुम्बई के ईडी और फोरम के अध्यक्ष  वी बालाजी एवं ग्रिड इंडिया नई दिल्ली के सीआईओ एस बनर्जी ने भी संबोधित किया।  एनसीआईआईपीसी मुम्बई के निदेशक  ललित कुमार मीणा  भी वर्चुअली जुड़े रहे। इस  कार्यक्रम में छत्तीसगढ के अतिरिक्त पश्चिम क्षेत्र के विभिन्न घटक राज्यों महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गोवा, दमन एवं दीव इत्यादि के प्रतिनिधियों सहित छत्तीसगढ़ की तीनों पावर कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने  भाग लिया। ग्रिड इंडिया दिल्ली के  एबी सेनगुप्ता ने आईएसओ 27001/27019 पर सरल व्याख्यान दिया। महाराष्ट्र के नितीन पाऊनिकर ने साइबर आडिट के विभिन्न पहलुओं पर  प्रकाश डाला।  मध्यप्रदेश के राजीव सिन्हा ने रेन्सम रिकव्हरी और इससे बचने के उपायों सहित साइबर सिक्युरिटी से के उपायों पर जानकारी दी।

इसके पश्चात् पश्चिम क्षेत्रीय भार प्रेषण केन्द्र मुम्बई के मुख्य महाप्रबंधक  महेश मेंहन्दाले ने साइबर घटना प्रतिक्रिया पर संगठित रणनीतिक दृष्टिकोण पुनर्प्राप्ति समय के प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।   बैठक का संचालन ईई  जीपी सिंह ने और  आयोजन में  मनोज रावटे एवं केतन मिश्रा का विशेष योगदान रहा।

 


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