रायगढ़

तिलाइपाली खदान में कोयला उत्पादन ठप!
24-Jun-2021 8:15 PM
तिलाइपाली खदान में कोयला उत्पादन ठप!

   एनटीपीसी को रोज हो रहा लाखों का नुकसान    

रायगढ़, 24 जून। देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी को अपनी आंतरिक सुदृढ़ व्यवस्था और उम्दा कार्य शैली के कारण देश की अव्वल सरकारी कंपनियों में गिना जाता है। लेकिन जिले के तिलाईपाली कोल माइनिंग प्रोजेक्ट में खनन करने वाली तीसरी ठेका कंपनी ने भी खनन कार्य से अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। नतीजन पिछले 3 दिनों से प्रदेश के इस सबसे बड़े कोयला खदान में उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया है, जिससे एनटीपीसी को रोजाना लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।  

जिले के घरघोड़ा ब्लाक में स्थित तिलाईपाली कोल माइंस में एनटीपीसी पिछले 15 सालों से खदान चालू करवाने में लगी हुई है, लेकिन कंपनी को अभी तक इसमें आशातीत सफलता नहीं मिल पा रही है। कंपनी ने वर्ष 2017 में बीजीआर माइनिंग एंड इंफ्रा लिमिटेड के साथ खनन का करार किया था, लेकिन सीबीआई जांच में दोनों कंपनियों के शीर्ष वित्तीय अधिकारियों को भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने के कारण एनटीपीसी ने बीजीआर कंपनी के साथ अपना अनुबंध खत्म कर दिया था। इसके बाद गत वर्ष एनटीपीसी ने तिलाईपाली खदान के खनन, विकास और परिचालन के लिए लगभग 32000 करोड़ रुपये का ठेका कोयंबटूर की कंपनी त्रिवेणी अर्थ मूवर्स को दे दिया। मगर महज साल भर में ही त्रिवेणी कंपनी ने यहाँ से अपना बोरिया बिस्तर समेट लेने में ही अपनी भलाई समझी। 

इसके बाद कुछ महीने पहले ही एस.एस छतवाल एंड कंपनी से एनटीपीसी ने शार्ट टर्म के लिए अस्थायी करार कर उत्पादन जारी रखने का प्रयास किया। लेकिन हालात यह हैं कि उक्त कंपनी से करार की अवधि समाप्त हो जाने के बाद अभी तक एनटीपीसी एग्रीमेंट को रिन्यू नहीं कर पाई है। लिहाजा छतवाल कंपनी ने भी खनन कार्य पिछले 3 दिनों से बंद कर रखा है। जिससे एनटीपीसी को रोजाना लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

ज्ञात हो कि तिलाइपाली (घरघोड़ा) की एनटीपीसी कोल माइनिंग प्रोजेक्ट एशिया की दूसरी सबसे बड़ी कोयला खनन परियोजना है। इसी खदान के बदौलत लारा का मेगा पावर प्लांट स्थापित किया गया है। 

 


अन्य पोस्ट