रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 27 दिसंबर। छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का अंतिम चरण चल रहा है। इस दौरान जिले के कुछ धान खरीदी केंद्रों में किसानों द्वारा यह समस्या सामने रखी जा रही है कि टोकन होने के बावजूद उन्हें धान बेचने से लौटाया जा रहा है।
ग्राम टारपाली सहित आसपास के धान खरीदी केंद्रों से जुड़े किसानों का कहना है कि वे टोकन लेकर ट्रैक्टर के माध्यम से धान मंडी तक पहुंचते हैं, लेकिन केंद्र में तैनात समिति प्रबंधक और कर्मचारी यह कहकर धान नहीं लेते कि किसान दोपहर 1 बजे के बाद मंडी पहुंचे हैं।
किसानों के अनुसार, वे सुबह से ही धान की बोरियों को तैयार कर ट्रैक्टर में लोड कर मंडी की ओर निकलते हैं। उनका कहना है कि बोरियों की गिनती, लोडिंग और गांव से मंडी की दूरी के कारण कई बार पांच से दस मिनट की देरी हो जाती है। किसानों का यह भी कहना है कि कुछ मंडियां गांवों से दूर स्थित हैं, जिससे समय पर पहुंचने में कठिनाई होती है।
कुछ किसानों ने यह भी बताया कि जब वे सुबह जल्दी मंडी पहुंचते हैं, तो नमी का हवाला देकर धान वापस लौटा दिया जाता है। वहीं दोपहर 1 बजे के बाद कुछ मिनट देरी होने पर भी उन्हें वापस भेज दिया जाता है। किसानों का कहना है कि इससे उन्हें परिवहन और हमाली का खर्च उठाना पड़ता है।
इस संबंध में जिला स्तर के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। हालांकि जिला खाद्य अधिकारी चितरंजन सिंह ने बताया कि उन्हें ग्राम टारपाली सहित अन्य क्षेत्रों से किसानों के फोन आए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई किसान पांच से दस मिनट देरी से पहुंचता है, तो धान वापस करने का कोई आदेश नहीं है।
जिला खाद्य अधिकारी के अनुसार, यदि कहीं इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो रही है, तो उसकी जानकारी मिलने पर संबंधित केंद्र की जांच की जाएगी।


