रायगढ़

धर्म के नाम पर धन वसूलने वालों से रहे सावधान - पं.अशोक
06-Mar-2024 3:47 PM
धर्म के नाम पर धन वसूलने वालों से रहे सावधान - पं.अशोक

रायगढ़, 5 मार्च। धर्म अध्यात्म और सुसंस्कारों की नगरी के रूप में प्रतिष्ठित रायगढ़ पश्चिम अंचल के ग्राम सोढक़ा में 26 फरवरी सोमवार को भव्य कलश यात्रा के साथ प्रारंभ होकर 04 मार्च तक सप्त दिवसीय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन पंडित अशोक महाराज ग्राम देवगांव सरिया की व्यासत्व में संपन्न हुआ।

इस दौरान प्रतिदिन कथा व्यास पीठ से पंडित अशोक महाराज ने संगीतमय कथा वाचन के साथ भागवत कथा के गुढ़ रहस्यों और मानव जीवन के लिए संदेशों को बहुत ही सुंदर ढंग से वाचन करते हुए वर्तमान समय में भागवत कथा की महत्ता का बखान किया गया। पंडित अशोक महाराज ने अपने कथा के दौरान स्पष्ट किया ।

कि भगवान की लीला और चरित्र को न समझने और अधुरा समझने वाले ही इसकी आलोचना और निंदा करते है। परंतु भागवत की कथा उनकी लीला और चरित्र के रहस्य को जनमानस के लिए उजागर करने के साथ साथ जीवन जीने की कला सीखाती है। सन्मार्ग बताते हुए धर्म पथ पर चलने की प्रेरणा देती है। 26 फरवरी सोमवार को कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुई, भागवत कथा की पूर्णाहुति यज्ञ एवं सहस्त्रधारा, तुलसी बरसा के साथ 5 मार्च मंगलवार को हुआ। कथा में प्रतिदिन ग्राम सोढक़ा के महिला पुरुष बच्चों के साथ-साथ आसपास के आंचल से हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने उपस्थित होकर भागवत कथा का रसास्वादन किया। ज्ञात हो कि ग्राम सोढक़ा की अधिकांश जनसंख्या शाकाहार एवं नशा शराब इत्यादि से मुक्त हैं इसके पीछे कारण है ग्राम में गायत्री परिवार का आध्यात्मिक चेतना कार्यक्रम। इस ग्राम मेंसन 2001 में गायत्री मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधियों द्वारा हुई थी जहां प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा पाठ एवं साप्ताहिक यज्ञ का कार्यक्रम संपन्न होता है। ग्राम के अधिकतर लोग गायत्री परिवार से जुडक़र जीवन जीने के लिए समय-समय पर शांतिकुंज हरिद्वार अपने बच्चों को भी भेजा करते हैं, और उनके द्वारा सात्विक आहार तथा नशा मुक्त जीवन जीने का संकल्प लिया जाता हैं।

भागवत कथा के मुख्य यजमान ग्राम के प्रतिष्ठित नागरिक परमेश्वर डनसेना द्वारा अपने पूज्य पिता स्व. रामदयाल डनसेना एवं पूर्वजों की पुण्य स्मृति में इस भागवत कथा का आयोजन किया गया, जिसमें समस्त ग्रामवासियों की विशेष सहयोग रही कथा आयोजन में ग्राम के प्रतिष्ठित नागरिक श्रीरमनिहा, लीलांबर, दुजराम, बालकृष्ण कुशल प्रसाद, रोहित, केशव, बुद्धेश्वर, रामेश्वर भागीरथी भरत मनोज डनसेना एवं समस्त युवा वर्ग एवं वरिष्ठजनों की विशेष सहभागिता रही। आयोजक परिवार की ओर से कथा के अंतिम तीन दिन समस्त श्रद्धालुओं के लिए भोजन प्रसाद की व्यवस्था भी की गई थी।

कथा में प्रतिदिन की झांकियां रही आकर्षण का केंद्र

भागवत कथा के दौरान अलग-अलग प्रसंगों पर प्रतिदिन झांकी निकाल कर श्रद्धालु भक्तजनों को विशेष रूप से प्रभावित किया गया। भगवान श्री कृष्ण के जन्म और बासुदेव द्वारा उन्हें नंदग्राम पहुंचाने से लेकर सुदामा चरित्र, रुक्मणी विवाह, राधा कृष्ण प्रेम इत्यादि प्रसंग पर सुंदर और मनोहारी झांकी निकालकर कथा प्रसंग के अनुकूल गीतों के माध्यम से पंडित अशोक जी महाराज ने भागवत कथा की अत्यंत ही प्रभावशाली प्रस्तुति दी।


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