रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 30 जुलाई। हिजरी साल के पहले माह मोहर्रम की दसवीं तारीख यानि शनिवार को शहर की मस्जिदों में दुआएं अशूरा पढ़ी गई। दोपहर से देर रात तक शहर के अलग अलग इलाकों से ताजियों के साथ मातमी जुलूस भी निकाला गया।
चांदनी चैक में दो ताजिया बनते हैं। ताजिया गांजा चैक, हटरी चैक, सत्तीगुड़ी चैक होते हुए दरगाह शरीफ से होकर करबला तालाब में प्रतीकात्मक रूप विसर्जित किया जाता है। इसी तरह करबला तलाब से जल लाकर दरगाह का शुद्धिकरण किया गया है। शहर के अलग-अलग जगहों से निकले ताजिया का भी करबला तालाब में विसर्जन किया गया।
मोहर्रम में मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया जाता है। शनिवार को चांदनी चौक पर शहर भर के मुस्लिम बहुल मोहल्लों से आए अखाड़ों का प्रदर्शन और ताजियों को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
चांदनी आसपास के क्षेत्र में मध्य रात तक रैली निकालकर ताजियों की अगुवाई में अखाड़ों का प्रदर्शन हुआ। ताजियों को करबला तालाब में पूरी अकीदत के साथ प्रतीकात्मक रूप में विसर्जित किया गया। इसी तरह मातमी पर्व मोहर्रम में शहर के विभिन्न मोहल्लों चांदनी चौक, इंदिरा नगर, मधुबन, मौदहापारा, जूटमिल, फटाहा मुड़ा क्षेत्र से भव्य एवं आकर्षण ताजिए के साथ अखाड़ा निकाला गया।