रायगढ़

छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व नहीं करते इसलिए मोदी के कार्यक्रम में नहीं जा रहे भूपेश बघेल- गोमती साय
03-Jul-2023 3:46 PM
छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व नहीं करते इसलिए मोदी के कार्यक्रम में नहीं जा रहे भूपेश बघेल- गोमती साय

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 3 जुलाई। 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के छग प्रवास के दौरान  कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भूपेश बघेल द्वारा निमंत्रण मिलने पर जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद गोमती साय ने कहा मोदीजी देश की साथ छत्तीसगढ़वासियों के भी प्रधानमंत्री है और भूपेश बघेल प्रदेश के मुख्यमंत्री है छग का प्रतिनिधित्व करने के नाते कार्यक्रम में जाना उनका दायित्व है।

सांसद ने कहा आजादी के पचास सालों के बाद भी छत्तीसगढ़ प्रदेश का गठन नहीं किया गया, लेकिन भाजपा के अटल बिहारी की सरकार ने ढाई करोड़ छत्तीसगढ़वासियों को पोस्ट कार्ड मे प्रदेश का पता लिखाने का हक दिया। कांग्रेस की सत्ता के दौरान छग प्रदेश पिछड़े पन का दंश झेलता रहा, लेकिन भाजपा की रमन  सरकार ने छग को बीमारू राज्य की कतार से निकाल कर अग्रणीय राज्यों को कतार में ला खड़ा किया। 

छग में आने वाले बीजेपी नेताओं द्वारा झूठ बोलने के बयान पर गोमती साय ने कहा पूरा प्रदेश जानता है कि शराब बंदी के लिए झूठी कसम किसने खाई? शराब बंदी के लिए गंगा जल का कसम खाने वाली सरकार शराब की आड़ मे घोटाले कर रही। झूठे वादों के दम पर सत्ता में आई भूपेश सरकार ने कर्मचारियों के साथ किए वादे पूरे नहीं किए। गृह मंत्री द्वारा धान खरीदी के बयान को झुठलाए जाने के बयान कर गोमती साय ने कहा भूपेश सरकार बताए उन्होंने पांच सालो में धान खरीदी के लिए कितना प्रावधान किया। वर्तमान में मोदी सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया। केंद्र की योजनाओ की नाव पर सवारी  करने वाले भूपेश बघेल ने हजारों करोड़ का ऋण लेकर प्रदेश वासियों को कर्जदार बना दिया।

अगर बुलाएंगे तो शैतान के घर भी जाएंगे और नहीं बुलाएंगे तो भगवान के घर भी नहीं जाएंगे। भूपेश बघेल के इस बयान को हास्यास्पद पद बताते हुए सांसद गोमती साय ने कहा वे बार-बार बिना बुलाए दिल्ली गांधी परिवार के यहां माथा टेकने क्यों जाते है? भाजपा कार्यकर्ताओं को टारगेट कर उनकी हत्या की जा रही है प्रदेश में नक्सलवाद की घटनाएं हो रही है। भूपेश बघेल से नक्सल वाद नियंत्रित नहीं हो रहा। झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं की हत्या की जांच की मांग करने वाले भूपेश बघेल सत्ता में आते ही अपने नेताओं के बलिदान को भूल बैठे। 
 


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