रायगढ़

जब कंपनी के लोग पहुंचे तो ग्रामीणों ने किया बवाल
रायगढ़, 19 जून। जिले के कुसुवाबहरी भूपदेवपुर में एक बार फिर जमीनों की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। ग्रामीणों की जमीन रजिस्ट्री के बाद भी उन्हें मुआवजा का पैसा अबतक नहीं मिला है। ऐसे में आज ग्रामीणों ने थाने में धावा बोल दिया।
बताया जाता है कि 2006-07 में कुसवाबहरी गांव में आर्यन कोल बेनिफिकेशन नामक कंपनी ने ग्रामीणों के 63 एकड़ जमीन का रजिस्ट्री कराया था। उनसे 12 लाख प्रति एकड़ के हिसाब से सौदा तय हुआ था, लेकिन रजिस्ट्री के बाद उन्हें मात्र 3 - 5 लाख के हिसाब से पैसा दिया गया और बाकी बाद में देने की बात कही गई लेकिन उन्हें आज तारीख तक भी मुआवजा का पूरा पैसा नहीं दिया जा सका है।
मुआवजा नहीं मिलने से नाराज लोगों ने रविवार को भूपदेवपुर थाना का घेराव करते हुए एसीबी के अलावा आधा दर्जन अन्य कम्पनियों के खिलाफ मुआवजा नहीं देने की शिकायत पुलिस से की है।
कोल साइडिंग लगाने के नाम पर कोरबा की एसीबी सहित आधा दर्जन कंपनियों द्वारा कुसुवाबहरी गांव में लगभग 63 एकड़ जमीन की खरीददारी की थी। 12 लाख रूपये एकड़ के हिसाब से खरीदी की गई जमीन का रजिस्ट्री भी किया जा चुका है। लेकिन कम्पनी द्वारा ग्रामीणों को निर्धारित की गई मुआवजा राशि का पूरा भुगतान करने के बजाय 5-5 लाख देकर ही रजिस्ट्री अपने नाम कर ली गई।
ग्रामीणों के विरोध के कारण कम्पनी अपने प्रोजेक्ट को आगे नहीं बढ़ा रही थी। लिहाजा इतने सालों बाद जब पिछले दिनों कम्पनी ने जमीन समतलीकरण करने की कोशिश की तो ग्रामीणों का आक्रोश फिर से उबाल मारने लगा है। यही वजह थी पूर्ण मुआवजे की मांग को लेकर एक बार फिर ग्रामीण विरोध प्रदर्शन कर रहे रहे है।
इस मामले में भूपदेवपुर के थाना प्रभारी ने बताया कि ग्रामीण महिलाएं थाने आई थी और एसीबी (आर्यन कोल बेनिफिकेशन ) सहित अन्य कंपनियों द्वारा मुआवजा नहीं दिए जाने की शिकायत की है। इस संबंध में जब हमने कंपनी के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि जमीन के दलाल रायगढ़ के दीपक अग्रवाल को पूरा पैसा दे दिया गया था। इस मामले में जांच की जा रही है।