रायगढ़

कार्रवाई नहीं होने से रेत माफियाओं के हौसले बुलंद
19-May-2023 4:33 PM
कार्रवाई नहीं होने से रेत माफियाओं के हौसले बुलंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 19 मई।
 घरघोड़ा क्षेत्र की जीवनदायिनी कुरकुट नदी का अस्तित्व खत्म करने में लगे हैं रेत माफिया, छोटे छोटे रेत चोर समुह बनाकर माफिया राज कायम कर चुके हैं। वन विभाग राजस्व व पुलिस प्रशासन को अपने जेब में लेकर दिन रात बेखौफ होकर कर रहे रेत चोरी, घरघोड़ा क्षेत्र से गुजरने वाली एकमात्र नदी होने के कारण कुरकुट इस क्षेत्र का निरामय गंगे का स्वरूप है भविष्य की गर्भ में घरघोड़ा नगर की प्यास बुझाने में एकमेव जल संसाधन कुरकुट नदी ही होगी।

भाजपा नेता व समाजिक कार्यकर्ता सोनू सिदार ने शासन प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए स्थानीय विधायक के कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं, आज घरघोड़ा क्षेत्र के लिए एक मात्र जल संसाधन कुरकुट नदी है भविष्य में नगर की प्यास बुझाने का कार्ययोजना इस नदी से ही होगी। फिर भी प्रशासन ने इस नदी से रेत माफियाओं को रेत चोरी करने का खुला छुट देकर अपनी जेब भरने का कार्य कर रही है। राजस्व, वन, पुलिस विभाग के अधिकारी अपनी आंखों पर पट्टी क्यों बांधे हुए है। रोज चैक से होते हुए सैकड़ों ट्रैक्टर एसडीएम घर से पुलिस थाना से एसडीओ वन के घर के सामने से पार कर बेफिक्री से शान से फराटेदार दौड़ती है।

आखिर इनको किसका श्रेय हासिल है मंत्री विधायक या अधिकारियों के शिकायतों के बावजूद कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर पैसे लेकर फिर से रेत चोरी का खेल आरंभ हो जाता है। वन विभाग कार्रवाई करने से क्यों पीछे हटती है? जबकि वन विभाग के वन मार्ग का उपयोग कर रेत चोरी किया जा रहा है आखिर शिकायत के बाद भी ना सडक़ मार्ग बंद किया गया ना ही अबतक किसी वाहन पर राजसात की कार्रवाई हुई।

वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी सिर्फ लाचर ग्रामीण आदिवासी पर ही अपना कलम चलाती है और यहां नंमस्तक होकर खुलेआम रेत चोरी करने का निमंत्रण दे रही है। यहीं हालत पुलिस प्रशासन का है, बताया जाता है कुरकुट के अस्तित्व पर कलंक कोई होगा तो वह पुलिस विभाग होगा, सिदार ने सीधे आरोप लगाते हुए कहा की कुरकुट आज सीमट रही है, बालू की जगह मिट्टी से पट रही है। 

अधिकारियों को पूर्ण जानकारी है क्षेत्र में कब कहां क्या हो रहा है, अवैध कारोबार को रोकना पुलिस प्रशासन की पहली प्राथमिकता होती है, पर कानून के रखवाले ही कानून को जेब में रख लिए हैं तो कौन डरेगा इस तंत्र से रेत चोरी का कारोबार पुलिस प्रशासन की सह पर संयोजन है, बैखोफ रेत माफियाओं का हौसले बुलंद करने वाले यहीं प्रहरी है जो काले खेल में भ्रष्ट तंत्र को मजबूत करने में लगे हैं।

आज की स्थिति में कुरकुट नदी का लगभग रेत निकाला जा चुका है बेहिसाब रेत के खनन से नदी पर बुरा असर पडऩा शुरू हो गया है। इसके लिए आने वाले समय में पर्यावरण संरक्षण संस्थान राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण संस्था को पत्र लिखकर कर इस ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया जायेगा। 

वर्तमान में शासन प्रशासन को इस ओर कोई चिंता है इसकी गुंजाइश नहीं बची सब अपने लाभ के लिए कुर्सी पर बैठे हैं। कलेक्टर एसपी को स्वयं इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है इसके लिए आग्रह कर जांच करने को कहा जायेगा, एवं नदी के सुरक्षा संवर्धन के लिए योजना बनाने की बात रखी जायेगी अब देखने वाली बात यह है स्थानीय हुक्मरान अपने कर्तव्यों के प्रति कब सजग होते हैं।
 


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