रायगढ़

फास्ट टे्रक स्पेशल कोर्ट का फैसला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 7 मई। नाबालिग किशोरी को शादी का झांसा देकर भगा ले जाने और बलात्कार करने के मामले में फास्ट टे्रक स्पेशल कोर्ट ने आरोपी को दोष सिद्ध करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास व अर्थदण्ड से दंडित किया है।
मामला इस प्रकार है कि पीडि़ता की माता द्वारा 13 जनवरी 2022 को थाना चक्रधरनगर रायगढ़ में उपस्थित होकर इस आशय की लिखित शिकायत की कि पीडि़ता जो उसकी पुत्री है, उम्र 16 वर्ष 4 माह है।
एक नवंबर 2021 को वह काम करने चली गई थी, शाम करीब 7 बजे घर वापस आई तो पीडि़ता घर पर नहीं थी। आसपास पता नहीं चलने पर थाना में मौखिक सूचना दी थी, जिस पर पीडि़ता का पता तलाश करने पर मिलने पर उसे सौंपा गया था। जिसे 3 नवंबर 2021 को मोहल्ले का राकेश सिदार द्वारा उसकी नाबालिग पुत्री पीडि़ता को शादी करने का प्रलोभन देकर बहला फुसलाकर जबरदस्ती भगा ले जाकर मणिकंचन कुड़ा गोदाम टी. व्ही. टावर में रखा, उसके बाद चन्द्रपुर ले गया था।
दो दिन बाद अपने घर कौहाकुण्डा में लाकर रखा था। पता चलने पर पीडि़ता को लाने उसके घर जाने पर भेजने से मना किया, तब वह बाल कल्याण समिति रायगढ़ मे पीडि़ता को बंधक से मुक्त कराने के संबंध में आवेदन दी, तब बाल कल्याण समिति द्वारा 21 दिसंबर 2021 को रेसक्यू कर सदन में रखे थे। जिसे सदन से 13 जनवरी 2022 को घर लाकर पूछताछ करने पर पीडि़ता ने बताया कि राकेश सिदार के द्वारा उसे शादी करने का प्रलोभन देकर अपने साथ जबर्दस्ती भगाकर ले गया था और शारीरिक शोषण किया था। पीडि़ता के माता-पिता के लिखित शिकायत के बाद चक्रधर नगर पुलिस ने धारा 363, 366, 376 एवं धारा 4, 6 लैगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की गई।
प्रकरण टे्रक स्पेशल कोर्ट में विचाराधीन था, जहां दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात विद्वान न्यायाधीश प्रतिभा वर्मा ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास और पांच हजार रूपये के जुर्माने से दंडित किया है।
जुर्माना नही पटाने पर आरोपी को अलग से 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।