रायगढ़

पट्टे पर मिली जमीन की अवैध खरीदी का मामला
05-May-2023 9:18 PM
पट्टे पर मिली जमीन की अवैध खरीदी का मामला

पीड़ित पहुंचा कलेक्टर के पास, सालों से अपनी जमीन को वापस पाने की कोशिश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 5 मई। जिले के पुसौर नगर से जमीन विवाद का एक अनोखा मामला सामने आया है। जिसमें पीडि़त परिवार का युवक निराकार चैहान लिखित आवेदन के साथ जिला कलेक्ट्रेट पहुंचा। पीडि़त ने कलेक्टर को ज्ञापन देने के बाद मीडिया से अपनी समस्या को साझा करते हुए बताया कि वर्ष 2000 में उसके पिता को पुसौर में स्थित एक आबादी भूमि का पट्टा मिला था।

वर्तमान में उक्त भूमि पर दोनों पिता और पुत्र पीएम आवास योजना के तहत घर बना कर शांति से निवास कर रहे हैं। लेकिन पीडि़त के पिता के अनपढ़ होने का बेजा फायदा उठाते हुए उनकी उक्त भूमि को किसी शांतिबाई नाम की महिला ने किरोड़ीमल कालोनी रायगढ़ निवासी किसी प्रितपाल सिंह को बिना उनकी जानकारी के फर्जी तरीके विक्रय कर दिया था।

जिसके बाद से तत्कालीन पुसौर तहसीलदार ने यह जानते हुए भी कि पिता जी के नाम पर उक्त भूमि का पट्टा बना हुआ है, उन्हें बेजा कब्जाधारी बताकर लगातार नोटिस देकर भूमि खाली करवाने का प्रयास किया गया। जबकि भूमि और भवन का सभी प्रकार का टैक्स पीडि़त पक्ष नगर पंचायत पुसौर में पटाते आ रहे हैं। पीडि़त का कहना है कि तब से आज तक प्रशासन ने उनके विरुद्ध जो प्रकरण खोला है वो पेशी दौड़-दौड़ कर परेशान हो चुके है। जबकि उनके दिए आवेदन पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

उसके कहे अनुसार एक तरफ सरकार गरीबों को आबादी पट्टा बनाकर देती है तो दूसरी तरफ प्रशासन के अधिकारी प्रभावशाली लोगों के दबाव में आकर गरीब पट्टा धारियों को परेशान करते हैं। वह संवेदनशील कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा से मिलकर कहना चाहता है कि उसे और उसके परिवार को इस तरह बेजा प्रकरण चलाकर परेशान न किया जाए। उसके पास शासन से मिला पुसौर नगर पंचायत में पटवारी हल्का नंबर 35 में स्थिति आबादी भूमि प्लाट नंबर 933 क्षेत्रफल 1670 वर्ग फुट का आबादी पट्टा है। इसमें उसने और उसके पिता को पीएम आवास भी बना लिया है उस पर शांति से रहने दिया जाए।

क्या कहते है पुसौर तहसीलदार

संबंधित मामले को लेकर पुसौर तहसीदार एन के सिन्हा ने बताया कि यह प्रकरण तत्कालीन तहसीलदार पुसौर अतुल शेटे के कार्यकाल का है। वर्तमान में यह प्रकरण कमिश्नर कोर्ट में चल रहा है। पीडि़त पक्ष को वहां अपना दावा सत्यता और मजबूती से रखनी चाहिए। ताकि न्यायालय निष्पक्ष और उचित निर्णय दे पाने में। सक्षम हो। वर्तमान में संबंधित मामले का पुसौर तहसील न्यायालय से कोई लेना देना नहीं है। मेरी जानकारी के अनुसार पीडि़त पक्ष शांति से अपनी भूमि पर निवास कर रहा है।


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