रायगढ़

टीआई ने गरीब परिवार की बेटी का कराया एडमिशन, साल भर की फीस की जमा
25-Jun-2022 4:22 PM
टीआई ने गरीब परिवार की बेटी का कराया एडमिशन, साल भर की फीस की जमा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 25 जून।
सिटी कोतवाली थाना प्रभारी मनीष नागर ने मानवता का परिचय देते हुए एक लडक़ी का उसके मनपसंद स्कूल में दाखिल कराया। अब नन्हीं बच्चे के सपने को पंख मिल जाने से पूरे परिवार में खुशी की लहर है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार चक्रधर नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अतरमुड़ा निवासी यादव परिवार की बेटी आरटीआई के तहत ज्ञान ज्योति नामक स्कूल में पढ़ाई कर रही थी। किसी कारणवश यह स्कूल बंद होने से बालिका की पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गई। बालिका के माता-पिता अपनी बेटी को किसी अच्छी स्कूल में दाखिला कराना चाहते थे। परंतु वो सक्षंम नहीं थे। इसके बावजूद पहले स्कूल से अनापत्ति भी प्राप्त कर ली, परंतु जहां बालिका का दाखिला कराना था संबंधित स्कूल प्रबंधन ने बगैर जिला शिक्षा अधिकारी लिखित अनुमति के बालिका का एडमिशन लेने से साफ इंकार कर दिया था। गरीबी से लाचार और बेबस परिवार एक बार नहीं कई बार जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पहुंचकर उनसे गुहार लगाई गई, परंतु हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी। जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने कर्तव्यों का आसानी से निर्वहन करते हुए बालिका को सरकारी स्कूल में दाखिला कराने का फरमान देकर हाथ तक जोड़ लिये।

यादव परिवार के सामने अब अपनी होनहार बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाने तख्ती लेकर सडक़ में उतरने के अलावा दूसरा कोई विकल्प बचा ही नहीं था। शुक्रवार की सुबह 11 बजे से यादव परिवार हाथों में तख्ती लेकर कलेक्ट्रेड में सामने धरने में बैठ गया। इसी बीच किसी काम के सिलसिले में टीआई मनीष नागर इस मार्ग से गुजर रहे थे, उन्होंने इस परिवार को देखकर रूक कर उनकी समस्या सुने और फिर इसका निराकरण करते हुए बेटी को सडक़ में लेकर बैठना अच्छी बात मेरे साथ चलो बिटिया को उसके मनपसंद स्कूल में दाखिल कराउंगा कहकर सभी को अपने साथ ले गए।

थाना प्रभारी मनीष नागर बालिका को गुरू द्रोण स्कूल लेकर पहुंचे और वहां स्कूल प्रबंधन से चर्चा उपरांत एक साल की फीस जमा करते हुए बालिका का स्कूल में दाखिल कराया। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने भी सराहनीय पहल करते हुए बच्ची के यूनिफार्म और अन्य जरूरतों के लिए आर्थिक सहायता भी की। साथ ही साथ बालिका के 12वीं तक पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी उठाते हुए आधी फीस माफ करने की बात कही गई।
 


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