रायगढ़

हाइवे पर बने ढाबे शराब की दुकानों का ले रही रूप
11-Jan-2022 5:04 PM
हाइवे पर बने ढाबे शराब की दुकानों का ले रही रूप

सुबह से देर रात तक हर ब्रांड की शराब व बीयर उपलब्ध

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 11 जनवरी।
रायगढ़ शहर के बाहर जाने वाले मार्गो में स्थित ढाबो में सुबह-शाम हो या देर रात जगह-जगह जाम से जाम छलकाते मदिरा प्रेमी आसानी से देखे जा सकते हैं। एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट ने हाइवे से शराब की दुकानों को हटवा दिया है। लेकिन अब हाइवे पर बने ढाबे शराब की दुकानों का रूप ले रही हैं। आलम यह है कि हाइवे पर बने ढाबों में किसी भी समय जाएं, मदिरा प्रेमियों को देशी व विदेशी शराब या फिर ठंडी बियर 100 रुपए ज्यादा देने पर आसानी से उपलब्ध करा दी जाती है। यही नहीं, शराब या बियर लेने पर इन्हीं ढाबों में बैठकर आराम से पीने की आजादी भी दी जा रही हैं। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी आबकारी विभाग को नहीं है। इसके बावजूद इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, जबकि आबकारी विभाग के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध महुआ शराब पर कार्रवाई करने की खबर आए दिन अखबारों की सुर्खियां बने रहती है।  

रायगढ़ शहर के हाईवे में स्थित ढाबो के संचालक खुलेआम बिना लाइसेंस के धड़ल्ले से शराब की बिक्री कर रहे हैं। एक जानकारी के अनुसार न्यायालय की ओर से सरकार को आदेश जारी किए कि हाइवे पर शराब की दुकान होने से वाहन चालकों को आसानी से शराब मिल जाती है। ऐसे में सडक़ दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। इसे रोकने के लिए स्टेट तथा नेशनल हाइवे से शराब की दुकानों को हटाया जाए। जिसमें 20 हजार की आबादी में हाइवे से पांच सौ मीटर की दूरी तथा 20 हजार की आबादी से कम पर 220 मीटर की दूरी तय की गई है। रायगढ़ शहर से बाहर जाने वाले मार्गो में घरघोड़ा मार्ग, बाईपास मार्ग, सारंगढ़ मार्ग, बंगुरसिया मार्गो में मदिरा प्रेमियों को हर ब्रांड की शराब व बीयर उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही यहां बैठकर पीने की भी सुविधा दी जाती है। ढाबो संचालकों के द्वारा बेखौफ किये जा रहे इस तरह के कार्यो से लगता है कि आबकारी विभाग और पुलिस विभाग के द्वारा ढाबा संचालकों को मनमानी करने की छूट मिली हुई है। जहां तक आबकारी अमले की बात है तो इस विभाग के अधिकारी महुआ शराब पर छोटी मोटी कार्रवाई कर अखबारों में वाहवाही लूटने में मगन है। जिलाधीश को जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस संवेदनशील मामले में पहल करने की जरूरत है।  

नहीं उठता किसी अधिकारी का फोन
इस विषय में कार्रवाई के संबंध में जानने के लिए ‘छत्तीसगढ़’ ने जब आबकारी अधिकारियों को फोन लगाया तो हमेशा की तरह उनका फोन ही नहीं उठ सका।
 


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